तेहरान का सुरमई आसमान
रेत के एक तूफान ने इस हफ्ते ईरानी राजधानी को पूरी तरह ढक दिया. रेतीली जगहों पर यह घटना असामान्य नहीं है. देखते हैं इस दौरान ली गईं कुछ तस्वीरें.
रेत की दीवार
तेहरान की तरफ रेत का तूफान 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा. कुछ ही मिनटों में तापमान 15 डिग्री घट गया. इस तूफान में पांच लोगों की मौत हो गई. कई घायल हो गए.
इमरजेंसी की हालत
बिजली कटने से 50,000 घरों को परेशानी हुई. एक बार तूफान थमा, तो बारिश शुरू हो गई. मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी देनी शुरू कर दी कि राजधानी की तरफ दोबारा तूफान आ सकता है.
रियाद में बवंडर
पिछले साल मार्च में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक जबरदस्त रेत का तूफान आया था. इसकी वजह से कई घंटे तक वायु यातायात बाधित रहा. सिर्फ कुछ ही मीटर की चीजें दिख रही थीं. कई गाड़ियां रोकनी पड़ीं.
रेत का पहाड़
कुछ बवंडर में 10 करोड़ टन रेत होता है. इसमें जितने छोटे कण होंगे, यह उतनी दूरी तय करेगा. भारी कण जल्दी धरती पर गिरते हैं.
सहारा मरुस्थल का बालू
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यह तस्वीर ली है, जो सहारा के ऊपर रेत के बवंडर को दिखाता है. कुछ मौसम विज्ञानियों का मानना है कि सहारा के रेत भी समंदर में प्रवेश कर रहे हैं और इससे भी जलवायु परिवर्तन हो रहा है.
मूंगे पर मार
रेत के बवंडरों की वजह से सहारा की रेत कैरिबियाई द्वीपों तक पहुंच गए. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां जमा रेत की वजह से मूंगे भी मर रहे हैं. इस इलाके में पिछले 30 साल में 40 फीसदी मूंगे घट गए हैं.
मिस्र और चीन
इन दोनों देशों में आए दिन रेत के बवंडर आते रहते हैं. पेड़ों को इस तरह लगाया जाता है कि वह सुरक्षा दे सके. यह जगह मिस्र की राजधानी काहिरा से ज्यादा दूर नहीं. समझा जाता है कि इससे रेत के बवंडरों पर थोड़ी लगाम लगाई जा सके.
यातायात की मुश्किल
साल 2011 में जर्मनी ने भी रेत के बवंडर का तांडव देखा. रॉस्टॉक के पास यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ. आठ लोगों की मौत भी हो गई.