तेल रिसाव से संकट
चीन हो, मेक्सिको की खाड़ी या न्यूजीलैंड, पूरी दुनिया तेल रिसाव के गंभीर परिणाम देख चुकी है.
जब लाचार हुआ चीन
2010 में चीन के नानहाइतुन में तेल पाइपलाइन फटी. समुद्र की खाड़ी के पास हुए इस रिसाव का असर 430 वर्गकिलोमीटर तक फैला. इससे पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंचा. पानी दूषित हो गया.
टैंकर से रिसाव
अक्टूबर 2011 में न्यूजीलैंड में माउंट मंगुआनुई में तेल टैंकर की वजह से रिसाव हुआ. टैंकर तट के करीब आकर समुद्र के भीतर चट्टान से टकराया. आपदा के लिए इतना बहाना काफी था.
दूर दूर तक असर
न्यूजीलैंड में हुए रिसाव का असर ऑस्ट्रेलिया तक पहुंचा. मेलबर्न से 120 किलोमीटर दूर के द्वीप पर रहने वाले 60,000 पेग्विनों पर भी आफत आई.
अभूतपूर्व संकट
अप्रैल 2010 में मेक्सिको की खाड़ी में ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी के ऑयल प्लेटफॉर्म में धमाका हुआ. इसके बाद कई महीनों तक समुद्र के भीतर से करोड़ों बैरल कच्चा तेल रिसता रहा. तेल अमेरिका के तटों तक पहुंचा.
ऑरेंज बीच हुआ मैला
बीपी की गलती की वजह से हुए तेल रिसाव का असर एक लाख मछुआरों पर पड़ा. 2012 में लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कंपनी ने मछुआरों को मुआवजा दिया.
मारे गए बेजुबान
इस तरह की तस्वीरें अब भी लोगों के जेहन में हैं. बीपी के रिसाव की मार समुद्री जीवों और परिंदों पर पड़ी. अमेरिकी प्रांत लुजियाना में कच्चे तेल से सनी एक बत्तख.
मीलों तक काला पानी
मेक्सिको की खाड़ी में घटी आपदा इतनी भयानक थी कि कई मीलों तक संमदर कच्चे तेल से काला हो गया. विमान से ली गई यह तस्वीर एक छोटे हिस्से में फैले तेल को दिखा रही है.
छोटी जान, बड़ा नुकसान
बीपी की वजह से अटलांटिक महासागर इतना दूषित हुआ कि समुद्र के केकेड़े तक तेल से सन गए. रिसाव की वजह से प्रकृति को हुए नुकसान की भरपाई करने में कई दशक लगेंगे.
सीख देते संकट
ऐसे नुकसान के बावजूद वैश्विक स्तर पर न तो इनसे निपटने की साझा योजना है और न ही सहयोग.