तेज़ शॉर्ट पिच बॉलिंग से परेशानी होती है: धोनी
८ मई २०१०भारत को 49 रन से हराने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क की आंखों में गज़ब की चमक दिखी. साथियों की तारीफ़ करते हुए उन्होंने विपक्षी टीमों के लिए चेतावनी भी दे डाली. क्लार्क ने कहा, ''अगर हम ऐसी ही बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी जारी रखते हैं तो हमें हराना विपक्षी टीमों के लिए बहुत मुश्किल होगा.''
क्लार्क के दावे में दम भी है. क्रिकेट के पंडित भारत और ऑस्ट्रेलिया को टी-20 वर्ल्ड कप का सबसे प्रबल दावेदार मान रहे थे लेकिन शनिवार के मैच ने टीम इंडिया की कमजोरियां सार्वजनिक कर दी हैं. वेस्टइंडीज़ की धरती पर तेज़ शॉर्ट पिच गेंदें खेलना भारतीय बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया के बाद अब अन्य टीमें भी इस बात को समझ गईं हैं.
ख़ुद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी मान रहे हैं कि तेज़ी से उछलकर कमर के ऊपर आती गेंदें टीम को परेशान कर रही है. ऑस्ट्रेलिया गेंदबाज़ों का उदाहरण देते हुए धोनी ने कहा, ''अगर कोई 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से शॉर्ट बॉल फेंक रहा है तो उसे पुल करने के लिए महारथ चाहिए. यह हमारी स्वाभाविक ताकत नहीं है.''
शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ लगातार ऐसा ही करते रहे. हार के बाद विपक्षी टीम की तारीफ़ करते हुए भारतीय कप्तान ने कहा, ''कई बार आप आग से लड़ने के लिए आग का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में हमेशा आप सफल नहीं होते हैं. यह मैच इसी का एक उदाहरण था.''
टीम इंडिया के कैप्टन का कहना है कि हार से सीख भी मिली है. उनके मुताबिक ऐसी परिस्थितियों में टीम को धैर्य के साथ शुरूआत करने की ज़रूरत है. बाद में गेंद पुरानी पड़ने के बाद रन बनाने में ज़्यादा मुश्किल नहीं हो रही है.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे