तेंदुलकर का सबसे बुरा रिकॉर्ड
७ अगस्त २०१४यह जगह है, संसद. इस साल वह एक बार भी संसद नहीं पहुंचे. दो साल पहले राज्यसभा का सदस्य बनते वक्त उन्होंने कहा था कि वह इस हैसियत से क्रिकेट को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. लेकिन 41 साल के तेंदुलकर संसद में नजर ही नहीं आते हैं.
संसदीय रिकॉर्ड बताते हैं कि वह 2013 में सिर्फ तीन दिन संसद गए और अभी तक सदन में किसी भी बहस में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया है. हालांकि भारतीय संसद से छुट्टी मारना भारतीय सांसदों के लिए नई बात नहीं, लेकिन सचिन के नाम सबसे कम हाजिरी है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक पिछले साल उनकी हाजिरी तीन फीसदी रही.
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से उम्मीद थी कि वह ज्यादा समय संसद में मौजूद रहेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल का कहना है, "इन सांसदों को चुना जाता है कि वे कुछ करें और समाज में बदलाव लाएं. लेकिन मैंने उन्हें कभी भी संसद में नहीं देखा है."
एनसीपी के सांसद डीपी त्रिपाठी का कहना है कि जो लोग इसे संजीदगी से नहीं लेते, उन्हें संसद में नामित नहीं करना चाहिए. वनडे और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और शतकों का रिकॉर्ड बनाने के बाद सचिन तेंदुलकर पिछले साल रिटायर हो गए थे. भारतीय राज्यसभा में 12 सीटें विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों के लिए आरक्षित रहती है. सचिन को इसी कोटे से संसद में भेजा गया था.
एजेए/ओएसजे (एएफपी)