तीसरे पायदान की लड़ाई
१२ जुलाई २०१४मेजबान ब्राजील को इससे पहले सेमीफाइनल में तीन बार के चैंपियन जर्मनी से बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है. वह मुकाबला 1-7 से हार गया, जो उसके इतिहास की सबसे बुरी हार साबित हुई. दूसरी तरफ नीदरलैंड्स की टीम सम्मान के साथ अर्जेंटीना से पेनाल्टी शूट में हारी.
इस मैच के बाद ब्राजील के राष्ट्रीय कोच स्कोलारी का भविष्य भी तय होगा. साल 2002 में ब्राजील को खिताब जिताने वाले स्कोलारी का टीम के कोच बने रहने की संभावना बहुत कम है. हालांकि वह फिलहाल ब्रासीलिया वाले मैच के बारे में ही सोच रहे हैं, "मुझे पता है कि इस हार के साथ मेरा करियर भी तय हो गया है लेकिन हमें तो आगे बढ़ना ही है और अगले लक्ष्य के बारे में सोचना चाहिए."
उन्होंने कहा कि तीसरा नंबर हासिल करना हमारे असली सपने के मुकाबले बहुत छोटा है लेकिन हमें तो राष्ट्रीय जर्सी का सम्मान रखना है. दूसरी तरफ नीदरलैंड्स के कोच लुई फान खाल इस मैच के ही खिलाफ हैं, "मैं 10 साल से कहता आ रहा हूं कि इस मैच को नहीं खेला जाना चाहिए. सिर्फ एक खिताब मायने रखता है और वह है वर्ल्ड कप का खिताब."
1934 में इटली में खेले गए वर्ल्ड कप के दौरान तीसरे स्थान का मैच शुरू किया गया था, जो आज तक चल रहा है. दोनों ही टीमें अपने कुछ खिलाड़ियों को आराम दे सकती हैं.
एजेए/ओएसजे (डीपीए)