ताज से बिछड़ी यमुना की लहरें
८ अप्रैल २०१०कभी ताज की पिछली दीवार से लगी यमुना की लहरें ताज की खूबसूरती में चार चांद लगाया करती थीं. एएसआई ने यमुना और ताज के बीच की दूरी को पाटने के बजाए उसे हमेशा के लिए बढ़ा देने का पक्का इंतजाम कर दिया.
हाल ही में ताज परिसर में एक प्रदर्शनी लगाई गई. इस प्रदर्शनी के एक फोटोग्राफ से पता चला के जहां पर अब एक बागीचा बना हुआ है वहां कभी यमुना की लहरें हिलोरें मारती थी. ताज के पीछे की दीवार पर बैठ कर लोग नीचे यमुना में अपना अक्स देखा करते थे. चांदनी रात में यमुना में ताजमहल को निहारना एक अलग ही अनुभव हुआ करता था. इसी तरह यमुना में नाव पर सवार होकर चांदनी रात में ताज के दीदार का भी लुत्फ़ ही अलग था.
लेकिन अब एएसआई ने ताज के पीछे यमुना को पाट कर करीब दस फुट ऊंचा बगीचा तैयार करवा दिया. प्रदर्शनी में लगे एक फोटोग्राफ में आज जहां बगीचा है वहां 1936-37 में मिट्टी और सिल्ट हटाने का कम होता दिखाया गया है. इसी बगीचे ने ताज को यमुना से दूर कर दिया. एएसआई ने इस बगीचे को 2003 में बनवा दिया. इसका नतीजा ये हुआ के ताज के पिछले हिस्से में दो बुर्जियों पर बना एक गेट भी बंद हो गया. इस गेट से बादशाह ताज के उपरी हिस्से में जाया करते थे. यहां से चमेली फर्श के लिए सीढियां जाती थीं. अब ये सिर्फ तीन फुट नज़र आती है. तीन और दरवाज़ों से पांच सीढ़ियों का नीचे में बेस है. इस से दो फुट ऊपर की तरफ बैठने के लिए रेड सैंड स्टोन की बेंच थी . अब ये सब मिटटी के नीचे दफ़न हो गया है.
एएसआई का कहना है के यमुना प्रदूषित होकर दिन पर दिन पतली होती जा रही थी. उसकी और ताजमहल के बीच की दूरी बढती जा रही थी. इस जगह पर गंदगी के ढेर लगा रहता था. चोर उचक्के भी यहां टहलते रहते थे इसलिए इस जगह का बगीचे के रूप में इस्तेमाल किया गया. लेकिन ताज परिसर में कुछ बुज़ुर्ग दुकानदारों का कहना है कि एएसआई को ताज की खूबसूरती खराब करने का हक नहीं है. इस एजेंसी की ख्याल रखना चाहिए के उसे किस कम के लिए यहां तैनात किया गया है. एक पुराने दुकानदार ज़फर के मुताबिक पिछले 50 बरसों में ताज के आसपास इस एजेंसी ने सबकुछ बदल कर रख दिया. ये भी नहीं सोचा कि इससे ताज का नुक्सान होगा.
रिपोर्टः सुहेल वहीद, लखनऊ
संपादनः ए कुमार