तकनीक की प्रेरणा प्रकृति
वैज्ञानिक, इंजीनियर और वास्तुकार सभी प्रकृति की तरफ रुख कर रहे हैं और प्रेरणा ले रहे हैं. मंथन में इस बार बात हो रही है परिंदों की तरह उड़ने वाले रोबोट की, जानिए और किस किस चीज से प्रेरणा ले रहे हैं वैज्ञानिक.
मक्खी जैसा रोबोट
जर्मन कंपनी फेस्टो का यह बायोनिक ऑप्टर यानि उड़ने वाला रोबोट मक्खी जैसा दिखता है. हनोवर ट्रेड मेले में ऐसे कई और तकनीक से जुड़े नमूने देखने को मिले जिनकी प्रेरणा स्रोत प्रकृति है.
पेड़ से सीखें
पेड़ के तने का यह टुकड़ा कभी चोटिल था. आसपास की कोशिकाओं की मदद से यह भर गया. यह कुछ यूं हुआ कि तना टूटने से बच गया. यह रूपरेखा पुनर्निर्माण का आदर्श नमूना पेश करती है.
दमदार शाखाएं
दिखती है ना यह कुर्सी किसी पेड़ की टहनी जैसी? माग्डेबुर्ग श्टेंडाल यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने कुर्सी को भार उठाने में सक्षम बनाने के लिए पेड़ में भौतिक बलों की संरचना को समझ कर वैसी ही तकनीक इस कुर्सी में लगाई है.
हल्का भी मजबूत भी
बढ़ई और पाइप फिटिंग जैसे कामों के लिए इस्तेमाल होने वाले औजार आमतौर पर भारी होते हैं. लेकिन इस तस्वीर में दिखाया गया पकड़ का यह औजार ऐसा बनाया है कि यह हल्का हो पर ताकत लगाने पर टूटे नहीं.
पत्ते सा हल्का
पेड़ की टहनियों जैसे आधार वाली यह ठेलागाड़ी किसी का भी दिल जीत लेगी. इसकी बनावट ऐसी है कि इसको चलाने में ज्यादा ताकत ना लगानी पड़े.
नन्हा प्रेरणा स्रोत
पवन चक्की के लिए प्रेरणा स्रोत डायेटम एल्गी. जैसे पानी में काई पकड़ बनाए रखती है ठीक इसी से सीख पवन चक्की तेज हवाओं में टिकी रहती है.
उल्लू जितना खामोश
ये पंखे ध्वनि अवरोधक लूप रोटर ब्लेड के सिद्धांत पर आधारित है. इनमें एक बाहरी गोला हल्का विक्षोभ पैदा करता है. बीच में लगे ब्लेड हवा की तेज ध्वनि को काटते हैं, ठीक उसी तरह जैसे उल्लू और चील के पंखों के बाहरी हिस्से हवा के प्रति काम करते हैं.
मछली सी झाड़न
झाड़ने पोछने के लिए अगर कुछ मछली के शरीर जैसा हो तो? यह किनारों तक जाकर धूल के कणों को निकाल लेता है. इंजीनियरों ने इसी सिद्धांत पर आधारित दरवाजों पर चढ़ाई जाने वाली परत भी बनाई है जिससे हवा या पानी दरवाजे के भीतर न पहुंच सके.