ढोल बजाने से बदलाव नहीं आएगा: शी
१८ अक्टूबर २०१७एकदलीय व्यवस्था वाले चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के वार्षिक अधिवेशन का आगाज राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाषण के साथ हुआ. पांच साल पहले बीजिंग के इसी ग्रैंड हॉल में बतौर भावी राष्ट्रपति शी पहली बार पहुंचे थे. तब उनकी दबी मुस्कान के पीछे कई चिंताएं छुपी थी. लेकिन इस बार 2,338 पार्टी सदस्यों के सामने उनके चेहरे पर पहले से ज्यादा आत्मविश्वास दिखाई दिया.
शी ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर प्रगाढ़ता होनी चाहिए और पार्टी का चीनी समाज के हर आयाम पर मजबूत नियंत्रण होना चाहिए. राष्ट्रपति ने माना कि देश की अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है. चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है. लेकिन देश में अमीरी और गरीबी के बीच में फासला बढ़ता जा रहा है.
शी के पहले कार्यकाल की आलोचना होती रही है. कहा जाता है कि वह जरूरी सुधारों को लागू करने में नाकाम रहे. सुस्त प्रदर्शन करने वाली सरकारी कंपनियों में जान नहीं फूंक सके और प्राइवेट सेक्टर को सीमित भी नहीं कर सके. पार्टी अधिवेशन में शी ने इस आलोचना का जवाब दिया, "ठोस अर्थव्यवस्था बेहतरी का इंतजार कर रही है और हमें पर्यावरण को बचाने के लिए अभी फासला तय करना है. हमें असंतुलित विकास और अयोग्यता को ठीक करने में बहुत ऊर्जा लगानी चाहिए."
साढ़े तीन घंटे के भाषण में शी ने चीन को वैश्विक सुपर पावर बनाने की योजना का जिक्र भी किया. शी ने कहा, "देश के कायाकल्प को साकार करना पार्क में टहलना नहीं है और सिर्फ ढोल बजाने से काम नहीं चलेगा." शी ने पार्टी के सदस्यों से कहा कि वे और कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहें. राष्ट्रपति ने कहा कि "देश का भविष्य उज्ज्वल है लेकिन चुनौतियां भी बेहद दुश्वार हैं."
शी ने पार्टी सदस्यों से कहा कि वे चीनी समाज, शिक्षा तंत्र, कला और नैतिक मूल्यों के प्रति जिम्मेदारी उठायें. काम के प्रति जवाबदेही पर भी उन्होंने जोर दिया. इंटरनेट की बात करते हुए शी ने कहा कि साइबरस्पेस साफ होना चाहिए. 2013 में राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग की सरकार ने मीडिया और अदालतों पर नियंत्रण बढ़ाया है.
एक हफ्ते के अधिवेशन में कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष अधिकारी पार्टी महासचिव के रूप में शी जिनपिंग की पुष्टि करेंगे. माना जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में व्यापक बदलाव होगा. सात सदस्यों वाली पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी में भी बदलाव होंगे.
राष्ट्रपति बनने के बाद से शी ने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ा है. उनके कार्यकाल में 13 लाख अधिकारियों को सजा दी गई. इनमें कम्युनिस्ट पार्टी के कई शीर्ष अधिकारी भी शामिल हैं. आलोचकों का कहना है कि भ्रष्टाचार की आड़ में शी अपने प्रतिद्वंद्वियों को किनारे लगा रहे हैं. वहीं शी पार्टी से कह रहे हैं कि उसे खुद को शुद्ध बनाए रखना होगा.
(चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को आप कितना जानते हैं?)
ओएसजे/एमजे (डीपीए, एएफपी)