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'सेलेक्ट' या 'रिजेक्ट'

२३ मई २०१४

रेस्तरां के अंदर पहुंचते ही महिला ने अपने पर्स से मोबाइल फोन निकाला. पहले एलेक्स, फिर रॉबर्ट को उसने नापसंद कर दिया. लेकिन जेम्स की तस्वीर आने पर ऐसा नहीं किया. डेटिंग ऐप बन रहा है पार्टनर चुनने का आधुनिक अंदाज.

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तस्वीर: www.elitepartner.de

वह रुकी, थोड़ी देर तस्वीर को देखा और दाईं ओर स्वाइप करके उसे चुन लिया. पहले लोग यह बताने में हिचकिचाते थे कि वे कहां से लिख रहे हैं. लेकिन समय के साथ यह हिचकिचाहट मिट रही है और लोग धड़ल्ले से अपने पते की जानकारी डालकर अपने आसपास मौजूद लोगों में से डेटिंग पार्टनर ढूंढ रहे हैं.

ऐसे ही एक ऐप का नाम है टिंडर. अमेरिका में यह ऐप इस्तेमाल करने के आसान तरीकों की वजह से बेहद पसंद किया जा रहा है. सोची ओलंपिक के खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के कारण भी इस ऐप की लोकप्रियता बढ़ी है. कई अन्य ऐप की तरह टिंडर में भी लॉगिन करने के लिए अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए प्रवेश करना होता है. यूजरों का मानना है कि इस तरह उन्हें यह ज्यादा विश्वसनीय लगता है. टिंडर पर आने वाली फोटो भी फेसबुक से ही आती हैं.

कुछ तस्वीरों, शब्दों और फेसबुक पर मौजूद जानकारी के आधार पर इस ऐप को इस्तेमाल कर रहे लोग तय करते हैं कि वे डेटिंग की इच्छा जाहिर करने वाले से मिलना चाहते हैं या नहीं. पसंद नहीं होने की स्थिति में आसान है, रिजेक्ट करने का विकल्प यानि बाईं ओर स्वाइप कर दें.

ऐप का काम करने का तरीका डेटिंग वेबसाइट से अलग है. वेबसाइट में जहां लोगों को अपने बारे में लंबे संदेश लिखने पड़ते थे वहीं ऐप के जरिए यह आसान हो गया है. कुछ मामलों में तो यह इतना सहज हो गया है जैसे कि पुराने दिनों में हुआ करता था, जब चाहने वाला सीधे अपनी पसंद की लड़की या लड़के के पास जाकर अपने दिल का हाल कह डालता था.

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तस्वीर: http://dattch.com

लोग अपनी इच्छा से दाईं या बाईं ओर स्वाइप कर डेटिंग के प्रस्ताव को ठुकरा या उसे मंजूर कर सकते हैं. अगर प्रस्ताव भेजने वाला और प्रस्ताव पाने वाला दोनों ही पसंद कर लेते हैं तो वे एस दूसरे को संदेश भी भेज सकते हैं. आपके पास संदेश केवल उसी व्सक्ति से आ सकता है जिसे आप पसंद कर चुके हैं. बाकी सभी ठुकराए हुए प्रस्ताव सिस्टम से बाहर निकल जाते हैं.

तेइस साल की मेलिसा एलार्ड कहती हैं, "आप किसी बार में जाइए और अगर कोई लड़का अचानक आपसे बात करने के लिए आता है, तो जाहिर है आप घबरा जाएंगे. आप बात नहीं करना चाहेंगे क्योंकि वे ज्यादातर नशे में होते हैं." एलार्ड डेटिंग ऐप 'हिंज' इस्तेमाल कर रही हैं. वह कहती हैं अगर उन्हें यह ऐप न मिला होता तो पिछले छह महीने में वह किसी भी डेट पर नहीं गई होतीं. एलार्ड कहती हैं, "जब आप ऐप इस्तेमाल कर रहे होते हैं तो आप उनकी तस्वीर और उनकी प्रोफाइल देख चुके होते हैं. आप तय कर सकते हैं कि आप बात आगे बढ़ाना चाहते हैं या नहीं. मैं किसी से भी मिलने जाने से पहले उनके बारे में सब कुछ जानना पसंद करती हूं."

इस तरह के ऐप और टूल्स का महत्त्व कंपनियां भली तरह भांप रही हैं. फेसबुक भी इस दिशा में आगे आ रहा है. पिछले महीने फेसबुक ने भी 'नियरबाय फ्रेंड्स' नाम की नई सेवा शुरू की. इसकी मदद से यूजर को पता चलता है कि उनके फेसबुक दोस्तों में से कौन उस समय उनके आसपास कहीं मौजूद है.

एसएफ/एमजे (एपी)