"डीडब्ल्यू हिन्दी फेसबुक यूजर हूं"
२३ सितम्बर २०१३
जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल की हैट्रिक जीत पर बहुत-बहुत बधाई. साथ ही डॉयचे वेले का बहुत-बहुत शुक्रिया जिसके द्वारा हमें जर्मन चुनाव की ताजा गतिविधियों के बारे में काफी रोचक और सूचनाप्रद जानकारी मिली. पहली बार हमें जर्मन चुनाव के परिप्रेक्ष्य में जर्मनी की राजनीतिक पार्टियों के परिचय के साथ संसद में उनकी स्थिति और चुनाव के तौरतरीकों एवं मुद्दों के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी मिली.
चुन्नीलाल कैवर्त, जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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डीएनए टेस्ट से रेप का फैसला - भारत में कहा जाता है कि नेताओं को भगवान तो क्या शैतान भी नहीं समझ सकते लेकिन "नेताओं के हाव-भाव" को लेकर क्रिस्टीना रूटा की एक दिलचस्प रिपोर्ट डॉयचे वेले की वेबसाइट पर फोटोज के साथ पढ़ने को मिली. जानकारियां मजेदार थीं, जो काफी बारीक शोध पर आधारित थीं. कभी भारत के नेताओं पर भी इस तरह की रिपोर्ट बनाएं. आमतौर पर राजनीतिक कार्टून तो देखने-पढ़ने को मिल जाते हैं लेकिन इस तरह के बारीक शोध जो वास्तव में दिलचस्प होते हैं, देखने-पढ़ने को नहीं मिलते. बहुत-बहुत आभार.
रवि श्रीवास्तव, इंटरनेशनल फ्रेंडस क्लब, इलाहाबाद
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डीडब्ल्यू से मेरा रिश्ता काफी पुराना है जब हम एक क्लब, वर्ल्ड रेडियो एंड टीवी डीएक्स क्लब, चलाया करते थे. कुछ समय पहले आपका हिन्दी प्रसारण रेडियो पर बन्द हो गया और हम भी आर्थिक कारणों से विदेश चले गये पर सोशल मीडिया से एक बार फिर अटूट रिश्ता जुडा है आशा है वही प्यार मिलता रहेगा.
डीडी1 पर कार्यक्रम मंथन देखा काफी पसंद आया इस बार के विषय बहुत ही दिलचस्प थे. पासवर्ड को कैसे हैकर से बचाया जाये, प्रकाश झा ने बड़े ही विस्तार पूर्वक बताया. इस विशेष जानकारी के लिए उनको धन्यवाद देना चाहूंगा. एक रिपोर्ट और बड़ी अच्छी थी कैसे संदिग्ध ई-मेल की पहचान की जाए. टोल नेटवर्क की गतिविधि पर जानकारी भी काफी रोचक थी. पॉल बेकन जिन्होंने एक ऐतिहासिक कारनामा अंजाम दिया, वह कार वाकई लाजवाब लगी. उसके कल पुर्जों को नया रूप देकर उसको प्राचीन लुक दिया. वह वाकई काबिले तारीफ है. बचे खुचे कल पुर्जों से एक साइकल का निर्माण उनकी कला को चार चांद लगाता है और जो इस बात का प्रमाण है कि आने वाले समय में उनका क्रेज बढ़ेगा.
मुहम्मद सादिक आजमी, लोहिया, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश
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जैसे ही मैंने देखा कि मंथन क्विज में 5 विजेताओं को सैमसंग क्रोमबुक दिया जायेगा, मैंने फौरन इसमें भाग लिया और देश विदेश में अपने दोस्तों को इस क्विज से परिचित कराया और फेसबुक पेज से शेयर भी कराया. मैंने सोचा इस क्विज के माध्यम से मंथन कार्यक्रम की विशेषताओं से भी वे परिचित हो जाएंगे. इस संदर्भ में बहुत लोगों से उत्तर आया, " बहुत अच्छा, कुछ ने कहा आप इसके एजेंट हैं क्या? कुछ ने पूछा कब जर्मनी जा रहे हैं? " मैंने जवाब में कहा कि मैं तो बस डीडब्ल्यू हिन्दी फेसबुक और वेबसाइट का यूजर हूं.
मोहम्मद असलम,आलमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, आजमगढ ,उत्तर प्रदेश
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पाकिस्तान में एक चर्च और केन्या के एक मॉल पर हुए आतंकवादी हमले ने आज फिर एक बार समूची मानवता को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है. आतंकवाद की जड़ें आज विश्व के कोने-कोने में फैल चुकी हैं, जिन्हें उखाड़ फेंकना दुनिया के सामने एक सबसे बड़ी चुनौती है. हर रोज तवाही की एक नई इबारत लिखने वाले आखिर कौन हैं, यह अमन के दुश्मन? जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ तबाही और बर्बादी है. कागज के चंद टुकड़ों की खातिर अपना ईमान गंवा देने वाले इन नफरत के पुजारियों का कोई धर्म, कोई ईमान नहीं होता. अगर होता तो शायद हैवानियत का लिबास पहने यह लोग कभी किसी का नाहक खून नहीं बहाते क्योंकि दुनिया का कोई भी धर्म, अशांति, नफरत और हिंसा का संदेश नहीं देता. समझ में नहीं आता आखिर कब तक चलेगा यह जुल्म व सितम का सिलसिला?
"मजलूम की आंखों में समन्दर नहीं देखा जाता,
हाथों में किसी के अब खंजर नहीं देखा जाता,
देखे हैं इन आंखो ने बहुत तबाही के मंजर,
लहुलुहान अब यह मंजर नहीं देखा जाता!"
आबिद अली मंसूरी, देशप्रेमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, बरेली, उत्तर प्रदेश
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नफरत का नया प्रोजेक्ट - इस रिपोर्ट को पढ़ कर मैं सिर्फ यह कहना चाहूंगा कि आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान जबरदस्त हिंसा हो सकती है. हाल में उत्तर प्रदेश में जो धार्मिक हिंसा हुई है वह महज शुरुआत है. इस बार यह चुनाव भारत के लोकतंत्र के इतिहास में अब तक के सबसे ज्यादा हिंसा से भरे चुनाव होंगे.
ए. रैना, नई दिल्ली
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संकलनः विनोद चड्ढा
संपादनः आभा मोंढे