डायबिटीज में याददाश्त न खोने दें
५ दिसम्बर २०१४साइंस पत्रिका एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में छपी रिपोर्ट 1987 से 2013 के बीच 15,000 वयस्कों की अवस्था पर हुई रिसर्च पर आधारित है. रिसर्चरों ने पाया कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में उम्र बढ़ने के साथ दिमाग 19 फीसदी ज्यादा प्रभावित होता है. हालांकि नियंत्रित डायबिटीज के मामलों में इस तरह की संभावना कम पाई गई. इन मरीजों में दिमाग के कमजोर पड़ने पर इस बात का कोई असर नहीं पड़ा कि वे किस पृष्ठभूमि से आते हैं.
रिपोर्ट की मुख्य रिसर्चर एलिजाबेथ सेल्विन के मुताबिक, "इससे यह परिणाम निकलता है कि 70 की आयु में अच्छा दिमाग रखने के लिए 50 की ही उम्र से अच्छे खान पान और कसरत पर ध्यान देना चाहिए." सेल्विन अमेरिका के जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान की प्रोफेसर हैं.
एलिजाबेथ सेल्विन ने बताया कि दिमाग का कमजोर होना डायबिटीज के साथ आता है. ऐसा डायबिटीज के दौरान ग्लूकोज के खराब नियंत्रण की स्थिति में भी होता है. इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने पर खास ध्यान दिया जाए. डायबिटीज के मामलों में ग्लूकोज का उच्च स्तर होने से कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, मरीज देखने की क्षमता खो सकता है और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है.
डायबिटीज को नियंत्रित खान पान, कसरत और ध्यान से भी काबू में किया जा सकता है. सेल्विन ने बताया, "अगर हम डायबिटीज की रोकथाम या इसके नियंत्रण का खास ध्यान रख सकें तो हम याददाश्त में कमी जैसी कई समस्याओं को टाल सकते हैं."
एसएफ/एजेए (एएफपी)