डच चुनावों में दक्षिणपंथी पार्टी को वोटरों ने नकारा
१६ मार्च २०१७नीदरलैंड्स की सेंट्रर-राइट मानी जाने वाली पार्टी के नेता और देश के प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने इस्लाम-विरोधी और ईयू-विरोधी एजेंडा चलाने वाले फ्रीडम पार्टी ने नेता खियर्ट विल्डर्स को संसदीय चुनावों में पीछे छोड़ दिया है. कई यूरोपीय नेताओं की ओर से रूटे को जीत पर बधाई संदेश मिल रहे हैं. इसी साल फ्रांस और जर्मनी में भी आम चुनाव होने हैं और डच चुनाव में दक्षिणपंथी पार्टी के हाल को देखकर यूरोपीय नेता खुश हैं. वैसे तो नीदरलैंड्स में उदारवादियों की जीत के कई कारण गिनाए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से कई फ्रांस में होने वाले चुनाव में लागू नहीं होंगे. फ्रांसीसी चुनाव में सत्ताधारी दल, अति दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट नेता मरीन ले पेन की चुनौती झेलेगा. अप्रैल में चुनाव का पहला चरण होगा और मई में अंतिम राउंड.
सच तो यह है कि डच चुनाव में जीतने वाली रूटे की वीवीडी पार्टी समेत तीसरे नंबर पर रही क्रिस्चियन डेमोक्रैट पार्टी ने भी विल्डर्स के प्रवासी-विरोधी एजेंडा को काफी हद तक अपना लिया. दूसरे, माना जा रहा है कि तुर्की के साथ हाल ही में हुई खींचतान और तनाव से भी रूटे को फायदा हुआ है. एक मुस्लिम बहुल देश तुर्की के खिलाफ नीदरलैंड्स के कड़ा रवैया बरतने से डच मतदाता प्रभावित हुए. इन चुनावों में प्रवासियों के एकीकरण और इस्लाम विरोध का मुद्दा हावी रहा था.
हालांकि विल्डर्स अपना मन माफिक चुनावी नतीजा ना मिलने से निराश तो हैं लेकिन आगे वे और कड़ी टक्कर देने की तैयारी में हैं. विल्डर्स ने कहा, "अच्छा होता कि हमारी सबसे बड़ी पार्टी होती...लेकिन हम हारे भी नहीं हैं. हमने कई सीटें जीती हैं. और इन नतीजों पर हमें गर्व है." द हेग में स्थित डच संसद के निचले सदन की 150 सीटों के लिए चुनाव हुआ है. संसद का ऊपरी सदन सीनेट कहलाता है, जिसमें 75 सीटें हैं. कोई भी विधेयक पास करवाने के लिए सीनेट में भी सरकार का बहुमत जरूरी होता है. रूटे की पार्टी वीवीडी ने 33 सीटें जीती हैं, जबकि 20 सीटों के साथ विल्डर्स की पार्टी दूसरे नंबर पर रही. इन चुनावों में करीब 78 फीसदी मतदाताओं ने अपने वोट डाले.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के चीफ ऑफ स्टाफ पेटर आल्टमायर भी इन नतीजों पर ऐसा ट्वीट करने से खुद को नहीं रोक पाये कि, "नीदरलैंड्स, ओह नीदरलैंड्स तुम चैंपियन हो!"
आरपी/एके (डीपीए,रॉयटर्स)