ट्यूनिशिया की नई सरकार की पहली बैठक आज
१९ जनवरी २०११एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोहम्मद गनूची ने पूर्व राष्ट्रपति जिने अल अबिदिने बेन अली के कई विरोधियों को बड़े पदों पर नियुक्त किया है. लेकिन उनमें से चार ने सरकार का साथ छोड़ दिया है. उनका कहना है कि सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोग इस बात से बिल्कुल खुश नहीं हैं कि गनूची समेत बेन अली के कई समर्थक अब भी सत्ता में बने हुए हैं.
टूजीटीटी ट्रेड यूनियन के आबिद अल बरीकी के नामांकित किए तीनों मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि बेन अली की पुरानी टीम के सभी लोगों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना चाहिए. हालांकि वे लोग गनूची को स्वीकार करने को तैयार हैं. बरीकी ने कहा, "यह सब सड़कों पर उतरे लोगों की मांग के जवाब में किया जा रहा है."
गनूची और कार्यवाहक राष्ट्रपति फवाद मेबाजा हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी खातिर उन्होंने बेन अली को समर्थन देने वाली डेमोक्रैटिक कॉन्स्टिट्यूशनल पार्टी (आरसीडी) से भी इस्तीफा दे दिया. इस कदम के बाद एक विद्रोही मंत्री मुस्तफा बेन जाफर ने कहा कि वह वापस आ सकते हैं. लेकिन यूजीटीटी ने कहा कि यह कदम संतोषजनक होते हुए भी नाकाफी है.
गनूची का कहना है कि कुछ पुराने मंत्रियों को मंत्रिमंडल में रखा गया है क्योंकि चुनाव कराने के लिए उनकी जरूरत है. देश में दो महीने के भीतर ही चुनाव होने की उम्मीद है.
सरकार ने कहा है कि देश में बीते कुछ हफ्तों के दौरान हुए प्रतिक्रियावादी दंगों में कम से कम 78 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान दो अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ. हालांकि मंगलवार तक तनाव में काफी कमी आ गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़