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टुर्कू और तालिन बने यूरोपीय सांस्कृतिक राजधानी

३१ दिसम्बर २०१०

एस्टोनिया में आधी रात जैसे ही गिरिजाघरों के घंटे बजे, इस देश ने दो नए क्षेत्रों में प्रवेश कर लिया. यूरोप की साझी मुद्रा यूरो यहां लागू हो गई और यहां की राजधानी तालिन यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी बन गई.

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एस्टोनिया में यूरो भी आयातस्वीर: AP

तालिन के साथ फिनलैंड के शहर टुर्कू को भी यह सम्मान दिया गया है. हर साल यूरोप के दो शहरों को सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया जाता है. अब से पहले 2009 में भी बाल्टिक शहर विलनियस को यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी बनाया गया था.

हालांकि आर्थिक मंदी की वजह से इस बार का काम इतना आसान नहीं था. पैसों की कमी थी और सांस्कृतिक राजधानी के विकास के लिए अच्छा खासा बजट होता है, जिस मामले में विलनियस को परेशानी का सामना करना पड़ा. पैसे कम पड़ गए और राष्ट्रीय विमान कंपनी मंदी का शिकार हो गई.

Flash-Galerie Tallinn Shoestring Ein Schloss in Tallinn
तस्वीर: Tallinn City Tourist Office & Convention Bureau

लेकिन तालिन के आयोजकों का कहना है कि 2011 में ऐसा कुछ नहीं होगा. हालांकि तालिन को भी पहले से तय बजट से कम ही पैसे मिले हैं. तालिन 2011 के मारिस हेलरंड का कहना है, "हमारे पास इतना समय था कि हम खुद को छोटे बजट के लिए तैयार कर पाएं. इसके अलावा हमने दूसरे स्रोतों से भी कुछ अतिरिक्त पैसों का इंतजाम किया है."

जहां तक फिनलैंड के शहर टुर्कू का सवाल है, दोनों देशों ने तय किया है कि वे एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी बन कर नहीं, बल्कि सहायक बन कर इस परंपरा को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. कुछ भाषाओं के आधार पर फिनलैंड और एस्टोनिया में गहरा नाता है.

Turku Stadtansicht Flash-Galerie
तस्वीर: Seilo Ristimäki, Iloinen Liftari Oy

हेलरंड का कहना है, "पर्यटन के मामले में हमारा सहयोग है. कुछ ट्रैवल एजेंसियां दोनों ही सांस्कृतिक राजधानियों के लिए पैकेज दे रही हैं. हमारा टुर्कू 2011 की टीम के साथ बहुत अच्छा सहयोग है."

टुर्कू में भी ऐसा ही अहसास है. टुर्कू 2011 के मुख्य कार्यकारी के सेवॉन का कहना है, "हमारा दर्जन भर सांस्कृतिक प्रोजेक्ट में तालिन के साथ साझा सहयोग है." ये शहर 15-16 जनवरी को उद्घाटन समारोह आयोजित कर रहे हैं ताकि दोनों ही शहरों के लोग इसका लुत्फ उठा सकें. टुर्कू ने यूरोप की सांस्कृतिक राजधानी रहते हुए सेहत से जुड़े मुद्दों पर खास ध्यान देने की योजना बनाई है. आयोजन करने वाले फाउंडेशन ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों को 5400 टिकट भी बांटे हैं.

दोनों सांस्कृतिक शहर इन आयोजनों से कमाई की उम्मीद कर रहे हैं. टुर्कू को उम्मीद है कि सांस्कृतिक राजधानी रहते हुए यहां 20 लाख पर्यटक आ सकते हैं. हालांकि इसमें टुर्कू के नागरिक भी शामिल हैं. तालिन को उम्मीद है कि दो लाख से ज्यादा लोग यहां रहने का अपना काल बढ़ा लेंगे. सरकारी एयरलाइंस का कहना है कि उनका कारोबार 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ सकता है.

रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल

संपादनः महेश झा