टी-20 और वनडे के कारण टेस्ट हुआ आक्रामक: सचिन
१६ अगस्त २०१०तेंदुलकर का कहते हैं, "20 साल में बहुत बदलाव हुए हैं और मैं उन सब में शामिल रहा हूं. वनडे में बदलाव है. टी-20 क्रिकेट की शुरुआत के कारण अब काफी हद तक टेस्ट क्रिकेट भी आक्रामक होता जा रहा है."
श्रीलंका में जारी ट्राई सीरीज के अधिकारिक ब्रॉडकास्टर टीईएन स्पोर्ट्स से बातचीत में तेंदुलकर ने कहा, "मुझे लगता है कि बल्लेबाज ज्यादा मौके कैश करना चाहते हैं. इसका कारण शायद वनडे क्रिकेट और हाल ही में शुरू हुआ टी-20 फॉरमेट है. इन दोनों के कारण बल्लेबाज नई सोच के साथ खेल रहे हैं और जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं."
37 साल के सचिन का कहना है पहला टेस्ट खेलने के बाद उन्हें लगा था कि वे अपना करियर आगे नहीं बढ़ा पाएंगे. "1989 में मुझे याद है पहला टेस्ट. तब तक मैंने सिर्फ एक ही फर्स्ट क्लास सीजन खेला था. कहां फर्स्ट क्लास के गेंदबाज और फिर अचानक वसीम, वकार, इमरान और अब्दुल कादिर को खेलने का अनुभव, यह एक दूसरे से बिलकुल अलग था. मुझे लग रहा था कि शायद ये मेरा पहला और आखिरी मैच होगा लेकिन मुझे एक और मौका मिला और मैंने उस गेम में रन भी बनाए. तब मुझे लगा कि मैं यहीं का हूं और मैं खेल सकता हूं."
सचिन की तुलना हमेशा ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर सर डॉन ब्रैडमैन से की जाती है. सचिन कहते हैं, "मेरे जीवन का सबसे बड़ा क्षण वो था जब सर डॉन ने खुद कहा था कि उनकी बैटिंग स्टाइल मुझसे मिलती है. फिर जब मुझे वर्ल्ड इलेवन में शामिल किया गया तो मैं बहुत खुश हुआ. ये मेरे लिए एक बड़ा प्रोत्साहन था."
सचिन मानते हैं कि अच्छे खेल के लिए तारीफ जब मिलती है तो बहुत संतोष होता है. "एक खिलाड़ी की हैसियत से आपको लगता है कि आपकी तारीफ की जाए और जब बड़े खिलाड़ी आपकी तारीफ करें तो अच्छा ही लगता है. हर खिलाड़ी का सपना होता है कि उसे एक अच्छा प्लेयर माना जाए, इससे बहुत संतुष्टी मिलती है."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ओ सिंह