टीम इंडिया ने बजाई जीत की कुंडी
६ अगस्त २०१०शुक्रवार को श्रीलंका ने 2 विकेट पर 45 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया और उसके विकेट लगातार गिरते रहे. प्रज्ञान ओझा ने 3 और अमित मिश्रा ने 2 खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटा दिया. तीसरे दिन शाम के खेल में परणविताना और दिलशान के आउट होने के बाद संगकारा और रणदीव को पारी संभालनी थी, लेकिन रांदीव ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए. उन्हें ओझा ने सिर्फ 6 रन के निजी स्कोर पर एलबीडबल्यू आउट किया. तब श्रीलंका का स्कोर 63 रन था.
इसके बाद कप्तान संगकारा का साथ देने आए डी जयवर्द्धने भी ओझा की घूमती गेंदों के आगे नहीं टिक पाए. रांदीव के जाने के बाद स्कोर में 14 रन ही जुड़े थे कि ओझा ने जयवर्द्धने को द्रविड़ के हाथों कैच करा दिया. वह सिर्फ 5 रन बना सके.
एक ही रन बाद संगकारा का विकेट भी ढह गया. उन्हें 28 के निजी स्कोर पर ओझा की गेंद पर रैना ने लपका. यहां से ओझा अपना काम कर चुके थे. अब बारी थी अमित मिश्रा की. मिश्रा ने 87 के स्कोर पर एडी मैथ्यूज को चलता किया. इसके बाद आए एच जयवर्द्धने तो एक भी रन नहीं बना पाए थे और मिश्रा ने उन्हें एलबीडबल्यू आउट कर दिया.
यहां से लसित मलिंगा के साथ मिलकर समरवीरा ने पारी को कुछ संभाला. एक वक्त 87 रन पर 7 विकेट खो चुकी श्रीलंकाई टीम का स्कोर 125 रन तक पहुंच गया. जोड़ी को जमते देख कप्तान धोनी ने पहले दिन कारनामा कर चुके सहवाग को वापस बुलाया. और सहवाग ने कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए मलिंगा को चलता कर दिया. मलिंगा ने 37 गेंदों पर 15 साहसी रन बनाए.
लंच के वक्त समरवीरा 33 और अजंता मेंडिस 10 रन बनाकर क्रीज पर हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल