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टीम इंडिया ने धमाकेदार ढंग से जीता एशिया कप

२४ जून २०१०

भारत ने श्रीलंका को हराकर एशिया कप जीता. 15 साल में पहली बार भारत ने जीता यह टूर्नामेंट. फाइनल में श्रीलंका को 81 रन के विशाल अंतर से हराया. जीत से कप्तान धोनी को बड़ी राहत मिली.

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तस्वीर: AP

तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने श्रीलंका को बड़े अंतर से हराकर हिसाब चुकता किया और एशिया कप भी जीता. चार विकेट झटकने वाले आशीष नेहरा ने श्रीलंकाई टीम के मजबूत माने जाने वाले शीर्ष क्रम को ध्वस्त कर दिया. जहीर खान ने भी दो विकेट चटकाए.

एशिया कप जीतने की तमन्ना के साथ फाइनल में उतरी टीम इंडिया के टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी चुनी. दिनेश कार्तिक की 66, कप्तान धोनी की 38 और रोहित शर्मा की 41 रन की पारी की बदौलत टीम ने 268 रन बनाए. रैना और जडेजा ने भी ठीक ठाक योगदान दिया.

जबाव में श्रीलंकाई टीम की हालत शुरू से ही नाजुक हो गई. पहले ओवर में ही प्रवीण कुमार से स्टार सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान को पैवेलियन भेज दिया. दिलशान खाता भी नहीं खोल पाए थे. थोड़ी इंतजार के बाद जहीर खान ने उपुल थरंगा की गिल्लियां उखाड़ फेंकी.

दो विकेट गिरने के बाद पूरा माहौल नेहरा के नाम रहा. नेहरा ने लाइन से कप्तान कुमार संगकारा, महेला जयवर्धने और एंगेलो मैथ्यूज को पैवेलियन भेज कर श्रीलंका की हार तय कर दी. मेजबान टीम की ओर से कुछ संघर्ष कपुगेदारा ने किया लेकिन दूसरे छोर से विकेट झड़ते रहे. आखिरकार 45वें ओवर में टीम इंडिया ने श्रीलंका को 187 रन पर ऑल आउट कर दिया.

66 रन की पारी खेलने वाले दिनेश कार्तिक को मैन ऑफ द मैच चुना गया. पहली बार एशिया कप जीतने के साथ ही भारतीय टीम ने पिछले मैचों में श्रीलंका से मिली हार का हिसाब किताब भी चुकता किया. टी-20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद धोनी की कप्तानी पर सवाल उठ रहे थे लेकिन एशिया कप की जीत ने ऐसे सवाल उठा रहे आलोचकों के मुंह पर भी ताला लगा दिया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़