ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे का मुख्य आरोपी गिरफ्तार
२१ जून २०१०ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे के बाद से ही बापी महतो फरार था. रविवार को दो राज्यों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे जमशेदपुर से छह किलोमीटर दूर आदित्यपुर के एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक शुरूआती पूछताछ में महतो ने कबूल किया है कि 28 मई को हुए ट्रेन हादसे के पीछे उसका हाथ है.
गिरफ्तारी के बाद एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "बापी के ऊपर सीबीआई ने जब इनाम रखा और उसकी तस्वीरें जारी की तो वह झारखंड आ गया. यहां उसने बिमल के घर पर शरण ली. 17 जून को बिमल ने उसके लिए राय गेस्ट हाउस में एक कमरा बुक कराया.'' पुलिस ने बिमल को भी गिरफ्तार किया है.
बापी महतो के ऊपर तीन दिन पहले ही सीबीआई ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था. हादसे की जांच कर रही सीबीआई का दावा है कि बापी महतो, असित महतो और उमाकांत महतो असल आरोपी हैं. तीनों का संबंध पीसीपीए से है. इन लोगों पर आरोप हैं कि इन्होंने 28 मई की रात खड़कपुर के पास रेलवे ट्रैक से जानबूझ कर फिश प्लेटें निकाली. इस साजिश की वजह से तेज रफ्तार ट्रेन ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की बोगियो को सामने से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मारी. हादसे में 148 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
बापी महतो को अब सीबीआई के हवाले किया जाएगा. सीबीआई की एक टीम जमशेदपुर पहुंच रही है. इससे पहले शनिवार को सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस ने भोलानाथ महतो नामके शख्स को गिरफ्तार किया. आरोप है कि भोलानाथ महतो रेल हादसे के समय मौके पर मौजूद था. पीसीपीए के नेता हरीलाल महतो भी इस साजिश के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है. हीरालाल पर आरोप है कि उसने फिश प्लेट हटाने की कार्रवाई में अपनी गाड़ी का इस्तेमाल किया.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन