जोआन मिरो : दीवारों की मजबूती उकेरता चित्रकार
स्पेन के मशहूर कलाकार जोआन मिरो पेंटिंग की समझ को पूरी तरह बदल देना चाहते थे. उन्होंने पारंपरिक फ्रेम के बंधनों से बाहर निकल समूची दीवारों को रंगना शुरू किया. देखिए उनके रचनाकर्म को समझाती प्रदर्शनी की एक झलक.
दीवार पर लेखनी
बच्चों की तरह मिरो ने सीधे दीवारों को रंगा. 1967 की इस तस्वीर में मिरो पाल्मा डे मायोर्का में अपने स्टूडियो ''यॉन बाटेर'' में दिखाई दे रहे हैं. इन दीवारों को रंगने के लिए उन्होंने कार्बन पेंसिल का इस्तेमाल किया है. 1973 में मिरो ने पेरिस में वर्ल्ड एक्सपो के लिए पिकासो के साथ मिलकर एक बेहद विशाल दीवार की पेंटिंग की.
दीवार का कैनवास
जोआन मिरो (1893-1983) लगातार खुद को अभिव्यक्त करने के नए नए तरीके ढूंढते रहे और इसी क्रम में उन्होंने दीवारों को रंगना शुरू किया. उन्होंने चित्रकारों को असामान्य किस्म की निर्माण सामग्री का कैनवास की तरह इस्तेमाल करने की प्रेरणा दी. मसलन वे दीवारों के टैक्सचर का कैनवास, टार पेपर या सेंडपेपर आदि में इस्तेमाल करके पेंटिंग किया करते थे.
भ्रमों का खेल
''दि फार्म'' नाम की ये पेटिंग मिरो की शुरूआती पेंटिंग्स में से एक है. अपने पुश्तैनी घर की 1921-22 में बनाई इस पेंटिंग में उन्होंने स्थिर दीवारों को तफसील से दिखाने के लिए उसके सारे दागों, दरारों और टेक्सचर का इस्तेमाल किया है. उन्होंने चित्र को ऐसे बनाने की कोशिश की है कि वो जितना संभव हो वास्तविक लग सके.
चित्र की मौत
1930 में मिरो की ये घोषणा काफी मशहूर हुई कि वे 'चित्र को मार देना' चाहते हैं. इसमें वे उन कला परंपराओं का जिक्र कर रहे थे जिन्हें वे तुच्छ मानते थे. उन्होंने चित्रों की एक ऐसी भाषा विकसित की जो पूंजीपति वर्ग की अपेक्षाओं का विरोध करती थी. इस पेंटिंग 'ब्लू I/II" में कलाकार ने नीले रंग को आसमान के बतौर दिखाया है.
रंगों का असामान्य चुनाव
जोआन मिरो के काम में आम तौर पर चमकदार रंगों का इस्तेमाल होता है. लेकिन अपने सामान्य रंग बिरंगे चित्रों के इतर 1973-74 में उन्होंने यह ब्लैक एंड व्हाइट पेंटिंग बनाई. इस पेंटिंग में एक विशाल बंजर दीवार को दिखाया गया है.
फ्रेम से बाहर
चित्र के फलक को और फैलाने के मकसद से मिरो ने अपने चित्रों को ऐसे दर्शाया कि वे पूरी दीवार की तरह दिखाई देती हैं. दीवारों के प्रति उनका आकर्षण बाद में उन्हें स्मारकीय त्रिफलक बनाने और चीनी मिट्टी की उनकी कलाकारी की ओर ले गया. यह पेंटिंग 'बर्डस्' उनकी एक और बड़े फलक वाली पेंटिंग है.
मिरो के ग्रैफिटी जैसे चित्र
1920 के आस पास मिरो ने कैनवास पर रंग छिड़ककर पेंटिंग बनानी शुरू की. यह चित्र ''दि स्पैनिश फ्लैग'' उन्होंने 1925 में रचा. चिड़िया मिरो की सबसे प्रिय प्रतीक रही है. भूरे रंग की पृष्ठभूमि का इस्तेमाल दीवार के बतौर किया गया है.
जादुई जगहें
यह चित्र 'दि मैजिक ऑफ कलर' मिरो के सबसे महत्वपूर्ण रचनाकर्म में से एक है. 1930 में बने इस चित्र में उन्होंने लाल और पीले रंग के दो बड़े आकार सफेद पृष्ठभूमि में रंगे. ये उड़ते हुए से महसूस होते हैं. इस चित्र में सफेद पृष्ठभूमि बार्सिलोना के नजदीक एक फार्महाउस की साधारण सी दीवार को दर्शाती है जहां मिरो बड़े हुए.
कला सबके लिए
अपने पूरे जीवन में जोआन मिरो की सारी कोशिश इसे लेकर थी कि उनकी कला सबके लिए उपलब्ध हो. 1957 में उन्होंने पेरिस में यूनेस्को के मुख्यालय के लिए 'मून वॉल' और 'सन वॉल' नाम के दो चित्र बनाए. इन चित्रों में मिरो ने फिर से दीवार के टैक्सचर को अपने चित्र में शामिल किया है.