जॉर्डन ने लिया आईएस की क्रूर हत्याओं का बदला
४ फ़रवरी २०१५इन दो जिहादियों को जॉर्डन में पहले ही मौत की सजा सुनाई जा चुकी थी. इनमें से एक वही महिला आतंकी साजिदा अल-रिशावी थी, जिसे 2005 में आत्मघाती हमलावर बनने की एक असफल कोशिश के बाद गिरफ्तार किया गया था. दूसरा कैदी आतंकी संगठन अल कायदा का सदस्य जियाद अल-कारबोली था. इन्हें बुधवार तड़के इस्लामिक कानूनी अधिकारियों की मौजूदगी में मौत की नींद सुलाया गया.
जॉर्डन में उसके बंधक बनाए गए पायलट माज अल-कसाबे की निर्मम हत्या के बाद से गहरा दुख और नाराजगी फैली हुई है. जॉर्डन सरकार ने वादा किया है कि वह मौत की सजा सुनाए गए सभी इस्लामी आतंकियों को बारी बारी कर मारेगा.
घृणित हत्याओं का दौर
मासबे को दिसंबर 2014 में आईएस के आतंकियों ने सीरिया में बंधक बना लिया था. आईएस ने कसाबे की जान बख्शने और जापानी पत्रकार को रिहा करने के बदले अपनी महिला आतंकी रिशावी को आजाद करने की मांग की थी. मांग ना माने जाने पर पहले जापानी पत्रकार केंजी गोटो का सिर कलम किया गया और बाद में जॉर्डन के पायलट को जिंदा जलाया गया. इस क्रूर तरीके से की गई हत्या को आईएस ने फिल्माया और वीडियो को ऑनलाइन जारी भी किया. इसमें सलाखों के पीछे आग की लपटों से जूझते हुए 26 साल के फाइटर पायलट को देखा जा सकता है.
कासबे की हत्या के बाद से ही जॉर्डन की राजधानी अमान और कराक जैसे शहरों में काफी प्रदर्शन हुए हैं. मध्य पूर्व के इलाके में जॉर्डन अमेरिका का एक बहुत महत्वपूर्व सहयोगी है. जॉर्डन समेत कई अरब देश अमेरिका के नेतृत्व में आईएस के सफाए के लिए सीरिया और इराक में किए जा रहे हवाई हमलों में साथ हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आईएस की इस हरकत को "कायरतापूर्ण और भ्रष्ट" बताया है.
भटके हुए आदर्श
इस्लाम का आध्यात्मिक केंद्र माना जाने वाला सऊदी अरब खुद आईएस का मुकाबले करने में अमेरिका का सहयोग कर रहा है. सऊदी अरब ने आईएस की "भटके हुए आदर्शों" की निंदा की है. इन हत्याओें के लिए जिम्मेदार आईएस को उसने "इस्लाम के उसूलों को विकृत करने" के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
इसके पहले भी आईस ने दो अमेरिकी पत्रकारों, एक अमेरिकी और दो ब्रिटिश राहतकर्मियों की हत्या कर उनके ऐसे ही वीडियो जारी किए थे.
आरआर/आईबी (एएफपी,एपी)