जेल जा सकते हैं भारतीय मां-बाप
१ दिसम्बर २०१२ओस्लो पुलिस के मुताबित चंद्रशेखर वल्लभानेनी और उनकी पत्नी अनुपमा फिलहाल हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस का कहना है कि उन्हें शंका है कि अभियोजन से बचने के लिए यह दंपति भारत लौट जाएंगे. ओस्लो की अपील अदालत इस मामले में सुनवाई कर रही है और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 3 दिसंबर को जिला अदालत में फैसला सुनाया जाएगा.
पुलिस विभाग का कहना है, "दंड संहिता की धारा 219 के तहत इस दंपति पर अपने बच्चे को लगातार धमकाने, दुर्व्यवहार, हिंसा और दूसरी गलत हरकतें करने के का आरोप है. अभियोजन पक्ष ने मां के लिए एक साल तीन महीने और पिता के लिए एक साल छह महीने के कैद की मांग की है."
आंध्र प्रदेश के चंद्रशेखर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जबकि उनकी पत्नी भारतीय दूतावास में अधिकारी हैं. पुलिस ने चंद्रशेखर को तब गिरफ्तार किया जब उनके सात साल के बेटे ने अपने स्कूल के टीचर से उनकी शिकायत की. चंद्रशेखर के बेटे ने स्कूल टीचर से कहा कि उसके मां-बाप उसकी हरकतों के लिए उसे वापस भारत भेजने की धमकी दे रहे हैं. यह जानकारी चंद्रशेखर के भतीजे वी शैलेंद्र ने दी जो हैदराबाद में रहते हैं.
दरअसल बच्चे ने स्कूल बस में अपनी पैंट गीली कर ली थी, इसकी शिकायत उसके मां बाप से की गई. मां बाप ने बच्चे को धमकाया और कहा कि अगर उसने दोबारा ऐसा किया तो वो उसे भारत वापस भेज देंगे. शैलेंद्र ने यह भी बताया कि कई बार बच्चा स्कूल से खिलौने भी ले आता था.
ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब इसी तरह के कुछ हालात में नॉर्वे में ही एक भारतीय दंपति से उनका बच्चा छीन लिया गया था. उनकी शिकायत की गई थी कि वो अपने बच्चे को हाथ से खिलाते हैं और अपने साथ एक ही बिस्तर पर सुलाते हैं. बड़ी लंबी कानूनी लड़ाई और भारत सरकार की तरफ से पुरजोर विरोध करने के बाद कूटनीतिक स्तर पर किसी तरह से यह मामला हल हो सका और लंबे समय तक भारतीय दंपति अपने बच्चे से दूर ही रहे.
यूरोपीय देशों में बच्चों से जुड़े मामलों में आधिकारिक संवेदनशीलता भारत की तुलना में बहुत ज्यादा है. इसके अलावा सांस्कृतिक रूप से भी काफी अंतर है कई बार इसका खामियाजा यूरोप के बाहर से आए लोगों को भुगतना पड़ता है. भारतीय लोग भी इसी तरह की दिक्कतों के शिकार हो रहे हैं.
एनआर/ओएसजे (पीटीआई)