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जेनेटिक मैपिंग से इलाज

२६ जुलाई २०१४

वैज्ञानिकों ने इंसानी डीएनए में ऐसे 100 जगह ढूंढ निकाले हैं जिनके कारण व्यक्ति में शिजोफ्रेनिया जैसी बीमारी पैदा हो सकती है. इससे बीमारी के कारणों से पर्दा उठा.

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तस्वीर: Fotolia/bluedesign

इस तरह की जेनेटिक मैपिंग से नए इलाज की संभावनाएं पैदा होती हैं. हालांकि उनमें भी अभी कई साल लग जाएंगे. लेकिन नए नतीजों से ठोस आनुवंशिक सबूत मिले हैं जो इस थ्योरी को पक्का करते हैं कि प्रतिरोधक प्रणाली और इस बीमारी के बीच कैसा जुड़ाव है.

शिजोफ्रेनिककी जेनेटिक मैपिंग में दुनिया भर से 100 वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. इस सबसे बड़े शोध से पहले वैज्ञानिकों को सिर्फ कुछ हिस्से पता थे, जो जेनेटिक कारणों की ओर इशारा करते थे.

Symbolbild Grundsatzurteil USA zur Patentierung menschlichen Erbguts
जेनेटिक मैपिंग से मदद की उम्मीदतस्वीर: Fotolia/majcot

शोध में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों के आनुवंशिक कोड देखे गए और इनमें से 37,000 को ये बीमारी होने की आशंका थी. शोधकर्ताओं ने डीएनए में 180 मार्कर ढूंढ निकाले, जिनमें से 83 ताजा शोध में पता लगे हैं. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि और मार्कर पता चल सकते हैं.

शोध के सह लेखक स्टीव मैककैरल हार्वर्ड और एमआईटी में जेनेटिक संस्थान के निदेशक हैं, "यह आनुवंशिक पर्दाफाश है, शिजोफ्रेनिया एक तरह का रहस्य ही था. इस तरह के नतीजे आपको काम देते हैं. इनसे वो जीन सामने आते हैं तो बीमारी का कारण हैं. " नेचर नाम की पत्रिका में ये शोध छापा गया है. इसे एक अहम शोध बताया जा रहा है.

शिजोफ्रेनिया ऐसी मानसिक बीमारी है जिससे सच और कल्पना में अंतर मुश्किल हो जाता है. एक फीसदी आबादी को यह बीमारी है. वैज्ञानिक वैसे तो लंबे समय से ये जानते थे कि जीन्स में गड़बड़ी ही इस बीमारी का कारण है लेकिन उन्हें बड़ा और अहम ठोस सबूत अब मिला है.

शोध के लेखक डॉक्टर माइकल ओ'डोनोवैन ने इस शोध को बीमारी का इलाज ढूंढने में बड़ा कदम बताया है. हालांकि डोनोवैन यह भी कहते हैं कि ये मैप आपको ये तो बताता है कि कहां शुरू करना है लेकिन ये नहीं कि शोध खत्म कहां किया जाए.

इस शोध से यह भी साफ हुआ है कि प्रतिरोधक प्रणाली में शुरू होने वाली गड़बड़ी के कारण ये बीमारी होती है. ओ'डोनोवैन का यह ही कहना था कि अधिकतर व्यक्तियों में कम से कम 20 से 30 जीन ऐसे होते हैं जिनके कारण शिजोफ्रेनिया हो सकता है. भले ही इस जीन्स वाला व्यक्ति खुद इस बीमारी से पीड़ित नहीं हो.

एएम/एजेए (एपी)