जूतों और अंडों से हुआ ब्लेयर का स्वागत
४ सितम्बर २०१०लगभग 200 प्रदर्शनकारियों ने आयोजन स्थल के बाहर जमकर हंगामा किया और नारे भी लगाए. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि जब ब्लेयर की कार पहुंची, तो नाराज प्रदर्शनकारियों ने इस पर जूते और अंडे फेंके. इन प्रदर्शनकारियों में युद्ध विरोधी कार्यकर्ताओं के अलावा फलीस्तीन समर्थक लोग भी थे. इन्होंने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ब्लयेर और युद्ध विरोधी नारे लिखे थे.
ऐसा ही एक नारा था ब्लेयर लाइड, मिलियंस डाइड यानी ब्लेयर के झूठ से लाखों जानें गईं. एक तख्ती पर लिखा था - नरसंहार के आरोप में ब्लेयर को बंद करो. इस जगह भारी मात्रा में पुलिस मौजूद रही, लेकिन प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते रहे. जैसे ही ब्लेयर वहां पहुंचे, प्रदर्शनकारियों ने उनकी ओर बढ़ने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें पीछे धकेल दिया.
कुछ ही दिन पहले टोनी ब्लेयर की आत्मकथा अ जर्नी बाजार में आई है. इस किताब में ब्लेयर ने अफगानिस्तान और इराक युद्ध के बारे में कई बातें लिखी हैं. किताब में उन्होंने लिखा है कि ब्रिटिश सैनिकों के युद्ध में मारे जाने से उन्हें बहुत दुख हुआ, लेकिन सेना भेजने का फैसला सही था.
इसी किताब के प्रमोशन के सिलसिले में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डबलिन की एक किताबों की दुकान पर आए थे.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार