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जूता फेंकने वाले से गले मिले उमर

१८ अगस्त २०१०

भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने उन पर जूता फेंकने वाले सिपाही को माफ कर दिया और उसकी रिहाई के आदेश दे दिए हैं. स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस कांस्टेबल ने उमर पर जूता फेंक दिया था.

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तस्वीर: DW

मुख्यमंत्री अब्दुल्लाह ने पुलिस को आदेश दिया कि जूता फेंकने वाले निलंबित सिपाही अब्दुल अहद जान पर से केस हटा लिया जाए. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि भलमनसाहत का परिचय देते हुए उमर अब्दुल्लाह ने उस सिपाही को अपने घर पर बुलाया और उसकी बातें सुनीं. इसके बाद उन्होंने अपने अधिकारियों को आदेश दिया कि जान को उसके घर पहुंचा दिया जाए, ताकि वह अपने परिवार के साथ रमजान मना सके.

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 15 अगस्त को भारतीय ध्वज फहराने के बाद तिरंगे की सलामी लेते वक्त जान ने उमर अब्दुल्लाह पर जूता चला दिया. इसके फौरन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन दो दिन बाद मुख्यमंत्री ने मामला रफा दफा कर दिया.

Wahlen in Kaschmir Omar Abdullah
तस्वीर: AP

अब्दुल्लाह ने कहा, "रमजान का पाक महीना हमें भाईचारा और माफ करने की सीख देता है. मैं इस्लाम धर्म के अनुरूप अपना कदम उठा रहा हूं, जो नफरत नहीं, सिर्फ प्यार करना सिखाता है."

इसके बाद मुख्यमंत्री ने जान को गले से लगा लिया. उनके इस कदम से जान भौंचक्का रह गया और मुख्यमंत्री के सामने बेहद जज्बाती हो उठा. उसने रुंधे गले से उमर अब्दुल्लाह का शुक्रिया अदा किया और इस दौरान उसके गालों पर आंसू लुढ़क आए. जान को यह जान कर और भी अचंभा हुआ कि उसे घर भेजने के लिए खास हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की गई है.

जान का फेंका गया जूता किसी को लगा नहीं और उमर अब्दुल्लाह ने भी इस दौरान अपना धैर्य नहीं खोया. उन्होंने कहा, "उन्हें बहुत खुशी है कि कोई इस तरह नारे लगा कर या जूता फेंक कर विरोध कर रहा है. कम से कम कोई पत्थर तो नहीं चला रहा है." इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और 15 पुलिसवाले निलंबित कर दिए गए.

भारतीय राज्य कश्मीर में हाल के दिनों में बेहद तनाव रहा है. कई जगहों से पत्थर फेंकने की घटना और पुलिस की फायरिंग में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है.

जान को इसी साल मई में निलंबित कर दिया गया था. उस पर उगाही करने और ड्यूटी के दौरान शराब पीने का मामला चल रहा है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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