जिम्बाब्वे में सेना ने संभाली कमान, मुगाबे 'सुरक्षित'
१५ नवम्बर २०१७चश्मदीदों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि सैनिकों और बख्तरबंद गाड़ियों ने राजधानी हरारे में अहम सरकारी इमारतों, संसद और अदालतों की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है जबकि वहां काम करने वाले लोगों को टैक्सियों के जरिये उनके दफ्तर पहुंचाया जा रहा है.
जिम्बाब्वे के चीफ ऑफ स्टाफ लॉजिस्टिक मेजर जनरल एसबी मायो ने टीवी पर कहा, "हम सिर्फ उनके (मुगाबे के) आसपास मौजूद अपराधियों को निशाना बना रहे हैं जिनकी वजह से देश में सामाजिक और आर्थिक मुश्किलें हो रही हैं. उन्हें न्याय के कटघरे तक लाया जाएगा." उन्होंने कहा, "जैसे ही हमारा मिशन पूरा हो जाएगा, स्थिति फिर से सामान्य हो जाएगी."
मुगाबे हुए 93 के, सत्ता में बने रहने पर जोर
ना तो राष्ट्रपति मुगाबे और न ही उनकी संभावित उत्तराधिकारी उनकी पत्नी की तरफ से कोई बयान आया है. उन्हें कहीं देखा भी नहीं गया है. राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को सेना की हिरासत में रखा गया है. सेना ने कहा है कि वे "पूरी तरह से सुरक्षित" हैं.
जिम्बाब्वे की विपक्षी पार्टी मूवमेंट फॉर डेमोक्रेटिक चेंज ने शांति पूर्णतरीके से संवैधानिक लोकतंत्र की तरफ लौटने की अपील की है. पार्टी ने उम्मीद जतायी है कि "सेना के हस्तक्षेप से देश में एक स्थिर, लोकतांत्रिक और प्रगतिशील राष्ट्र की स्थापना होगी".
वित्त मंत्री और मुगाबे की जानू-पीएफ पार्टी के वरिष्ठ नेता इगनाशियस चोम्बो को भी सेना ने हिरासत में लिया है. सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. मुगाबे पिछले 37 साल से जिम्बाब्वे पर राज कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान देश लगातार आर्थिक और सामाजिक समस्याओं से जूझता रहा है.
एके/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)