जिन चेहरों की कमी खलेगी
१३ अप्रैल २०१०इनमें से कुछ ऐसे हैं, जो पेशेवर फ़ुटबॉल को अलविदा कह चुके हैं, मिसाल के तौर पर फ़्रांस के ज़िनेदिन ज़िदान- पिछला विश्वकप उनका आख़िरी टूर्नामेंट था. लेकिन कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जिनके पैरों की करामात देखने की उम्मीद थी, लेकिन अफ़सोस कि शायद वे नहीं होंगे. शायद, क्योंकि औपचारिक रूप से अभी टीमों की घोषणा नहीं की गई है. लेकिन कुछ खिलाड़ियों के बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि वे नहीं होंगे.
सबसे पहले नाम लेना पड़ेगा इंगलैंड के डेविड बेकहैम का. इस बीच यह तय है कि चोटिल होने की वजह से वे विश्वकप में भाग नहीं लेंगे. ज़्लातान इब्राहिमोविच चोटिल नहीं हैं, लेकिन वे भी नहीं होंगे, क्योंकि उनका मुल्क स्वीडन क्वालिफ़ाई नहीं कर पाया है.
गोल करने वालों की तालिका में ब्राज़िल के रोनाल्डो महान खिलाड़ी पेले से कुछ ही गोल दूर हैं. लेकिन यह काफ़ी मुमकिन है कि यह दूरी बनी रहेगी, क्योंकि चोट कि वजह से वे विश्वकप में नहीं होंगे. अब शायद राष्ट्रीय टीम में वे कभी भी नहीं खेल पाएंगे.
इस सीज़न के आरंभ में इटली के आलेसांद्रो देल पिएरो कई बार चोटिल हो गए, और अभी तक वे पूरी तरह फ़िट नहीं हो पाए हैं. माना जा रहा है कि कोच पिपी उन्हें अनदेखा कर देंगे.
और अनदेखा किए जा सकते हैं ब्राज़िल के रोनालडिनो भी. नहीं, वे चोटिल नहीं हैं, लेकिन इन दिनों फ़ार्म में नहीं हैं.
तो देखा जा सकता है कि बहुत अधिक क्लब फ़ुटबॉल, और उसकी वजह से चोट - यही सबसे बड़ी वजह है कुछ नामी-गरामी सितारों के विश्वकप में न होने की. अब यह बीमारी क्रिकेट में भी आ चुकी है - आईपीएल के साथ.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: महेश झा