जापान का नया बिजनेस अंतिम यात्रा
जापान में नया बिजनेस है लाशों का रखरखाव. इसके लिए बाकायदा एक होटल बन गया है. कावासाकी के इस होटल को लाशों का होटल कहते हैं.
यह दरअसल एक मुर्दाघर है जिसमें जापान की उन लाशों का रखा जाता है, जो दफनाए जाने के लिए कतार में हैं. जापान के मुर्दाघरों में भीड़ इतनी ज्यादा है कि लाशों की कतार लंबी होती जा रही है.
इस होटल का खर्च भी कुछ कम नहीं है. अंतिम क्रिया करने से पहले एक लाश को यहां रखने का रोज का किराया 5 हजार भारतीय रुपयों से ज्यादा है.
होटल में 10 कमरे हैं और एक लाश को 4 दिन से ज्यादा नहीं रखा जा सकता. इन चार दिनों में ही परिवार को क्रीमेटोरियम खोज लेना होता है.
वैसे कुछ और होटल भी इस तरह लाशों को रखते हैं लेकिन वे यह काम छिप छिपाकर करते हैं. सूसू होटल ने पहली बार खुलेआम यह काम शुरू किया है, बिना किसी झिझक के.
एक बात जो इस होटल की अलग है कि यहां लाशों को फ्रिज में नहीं रखा जाता. उन्हें किसी भी सामान्य मेहमान की तरह एयरकंडिशनर में ही रखा जाता है.
जापान में मृत्युदर तेजी से बढ़ रही है. हर साल 20 हजार ज्यादा लोग मर रहे हैं. आशंका है कि 2040 तक सालाना 17 लाख लोग मर रहे होंगे.
लेकिन कावासाकी के इस होटल के आसपास रहने वाले लोग खुश नहीं हैं. वे लोग विरोध भी जता चुके हैं. लेकिन मालिक बढ़ती मांग से पैसा कमाने की उम्मीद रखते हैं.