जापान का जज्बा डेनमार्क पर पड़ा भारी
२५ जून २०१०वर्ल्ड कप की आखिरी 16 टीमों में पहुंचने के लिहाज से जापान के लिए यह मैच बेहद अहम था. मौके की अहमियत परख कर जापानी टीम के हमलों में ताजगी और बचाव में पैनापन देखने के साथ साथ फुर्ती और संयम का मिश्रण भी देखने को मिला. जापान ने डेनमार्क पर तीन गोल ठोंके और सिर्फ एक गोल ही खुद पर होने दिया.
इस जीत के साथ जापान अपने ग्रुप में छह अंकों के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया. टॉप पर नीदरलैंड्स की टीम है जिसके नौ अंक हैं. अगले दौर में जापान का मुकाबला मंगलवार को पराग्वे से होना है.
पहले हाफ में दबदबा जापान का देखने को मिला. जापानी खिलाड़ियों की फु्र्ती और तेजी के सामने डेनमार्क के खिलाड़ी कई बार लाचार से नजर आए. ताबड़तोड़ हमले करने वाले जापान को पहली सफलता मिली 17वें मिनट में जब किजुके होंडा ने बाएं पैर से फ्री किक लेते हुए 30 मीटर की दूरी से अचूक निशाना साधा और बॉल सीधे जाल में उलझ कर रह गई. डेनिश गोलकीपर टॉमस सोरेन्सन ने गोल बचाने के लिए छलांग लगाई लेकिन हाथ में लाचारी के सिवा कुछ नहीं आ सका.
कुछ ही देर बाद बारी आई एंडो की जिन्होंने दाएं पैर से फ्री किक लेते हुए फिर परास्त करते हुए गोल ठोंक दिया. इस बार तो गोलकीपर और डेनमार्क की रक्षा पंक्ति खड़ी की खड़ी ही रह गई. हाफ टाइम तक स्कोर लाइन जापान के पक्ष में 2-0 से रही. दूसरा हाफ शुरू होने पर जापान एक गोल करने के और नजदीक आया जब एंडो ने फ्री किक ली लेकिन इस बार गोल नहीं हो पाया.
डेनिश खिलाड़ियों ने गेंद को अपने पास रखकर जापानी टीम पर हमले करने का भरसक प्रयास किया लेकिन वे हमलों को गोल में तब्दील नहीं कर पाई. आखिरकार डेनमार्क को पेनल्टी के जरिए गोल करने का मौका मिल ही गया. स्कोर हुआ 2-1. डेनिश खेमे में उम्मीदें जगी ही रही थीं कि होंडा ने अपनी चपलता और कला का सबूत देते हुए एक और गोल ठोंक दिया और उन आशाओं को ठंडा कर दिया. जापान 3-1 से मैच जीत गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह