जानवरों से फैलती बीमारियां
कई लोग जानवरों के साथ घुल मिल कर रहते हैं. पालतू कुत्ते और बिल्लियां बच्चों के साथ खेलते हैं. अक्सर वो उन्हीं के साथ बिस्तर पर सो भी जाते हैं. लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि जानवरों से भी बीमारियां फैल सकती हैं.
हवाई खतरा
चमगादड़ या फ्रूट बैट में इबोला का वायरस होता है. कुछ पश्चिमी अफ्रीकी देशों में ये छोटा चमगादड़ खाया जाता है. पहले यह वायरस जानवर से इंसान में आता है और फिर इंसान से इंसान में फैलता है और वह भी तेजी से. फिलहाल इसके रुकने का कोई उपाय दिखाई नहीं देता.
काऊ पॉक्स
इसका सबसे बड़ा खतरा तो गायों को होता है. लेकिन वायरस बहुत संक्रामक होता है, खासकर इंसान के लिए. जर्मनी में काऊ पॉक्स के लिए कोई टीका नहीं है हालांकि चेचक का टीका लगा होने पर इससे अपने आप सुरक्षा हो जाती है. हाथ से दूध निकालने के कारण पहले इसका सीधा इंफेक्शन हाथों में होता था.
म से मौत
एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप जाना आजकल न तो इंसानों के लिए मुश्किल है और न ही जानवरों और कीड़ों के लिए. जैसे यहां दिखाया जाने वाला एशियाई टाइगर मच्छर. बाकी जानवरों की तरह ही यह भी जहाज के रास्ते यूरोप तक पहुंच जाता है. यह मच्छर डेंगू फैलाता है.
पैरट फीवर
यह बुखार जानवरों से इंसान में फैलता है. खासकर बच्चों और कमजोर वयस्कों में. और यह खतरनाक भी हो सकता है. वायरस का नाम है क्लेमिडोफेलिया सिटासी. इससे तोते और कबूतर बीमार होते हैं. इंसान में यह पक्षियों के सूखे बीट से फैल सकती है जो धूल के साथ हवा में फैल जाता है.
लोमड़ी
2008 तक रेबीज जर्मनी में भी था. इसे फैलाने वाला जानवर था लोमड़ी. तेज टीकाकरण के बाद इस गंभीर बीमारी को नियंत्रण में लाया गया. जो लोग रेबीज वायरस से ग्रस्त हुए वह मौत के भी शिकार हुए.
बिल्ली
कैट स्क्रैच फीवर बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है. यह संक्रमित बिल्ली के काटने या नोंचने से होता है. इसका वायरस बिना बीमार किए बिल्ली में कई साल रह सकता है. जर्मनी में इस वायरस से 13 प्रतिशत बिल्लियां ग्रस्त हैं. इंसान में इसके कारण तेज बुखार, काटे की जगह पर सूजन आ सकती है.