जानवरों की चिकित्सकीय जांच
बर्लिन के लाइबनित्स इंस्टीट्यूट फॉर जू एंड वाइल्डलाइफ रिसर्च ने पशुओं की चिकित्सकीय जांच के लिए नई कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक पेश की है. इसके जरिए पशुओं का थ्री-डी एक्सरे संभव है.
एनेस्थीसिया देकर
कई सालों से वीआईसी कंप्यूटेड टोमोग्राफी का इस्तेमाल मृत और जीवित पशुओं की जांच के लिए होता आया है. लेकिन मरीज जब इस शेरनी जैसा पशु हो तो टेस्ट के लिए पहले बेहोश करना जरूरी होता है.
सीटी स्कैन मशीन
रिसर्चरों को एक मरा हुआ भेड़िया मिला. इस तस्वीर में सीटी स्कैन की मदद से वे उसकी मौत का कारण जानने की केशिश कर रहे हैं. एक कार हादसे में इसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई.
व्हेल का एक्सरे
व्हेल के थ्री-डी एक्स रे की मदद से उसकी मौत का कारण पता किया जा रहा है. टेस्ट की मदद से पानी में रहने वाले पशुओं के मौत के कारण पता चलते हैं और यह भी कि उन्हें बचाने के लिए क्या किया जा सकता है.
साफ इमेज
कंप्यूटर टोमोग्राफ के दौरान जानवरों को स्थिर रखना आसान नहीं. कई बार इमेज ठीक नहीं आती. इस तस्वीर में चीते की रिपोर्ट ठीक आई है क्योंकि टेस्ट के दौरान उसे एनेस्थीसिया दिया गया था.
दिमाग के भीतर
यहां कुत्ते के दिमाग का टेस्ट किया जा रहा है. इसे हेडफोन से मनुष्य और अन्य कुत्तों की आवाजें सुनाई जाती हैं. मशीन से उसकी खुशी, दुख या गुस्से की भावनाओं का अनुमान लगाया जाता है.
पांव की जांच
साधारण सीटी स्कैनर में घोड़े को फिट करना संभव नहीं. यूनिवर्सिटी ऑफ लाइप्जिग में इनके लिए ये विशेष प्रकार के स्कैनर बनाए गए हैं. इन स्कैनरों में उनके कंधे से पांव तक का स्कैन अलग अलग किया जा सकता है.