जसवंत विवाद बंद अध्याय: नितिन गडकरी
४ जुलाई २०१०भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह की अपनी किताब में जिन्ना की प्रशंसा करने के कारण पार्टी में बहुत आलोचना हुई थी और माफ़ी न मांगने पर उन्हें पिछले साल पार्टी से निकाल दिया गया था. भाजपा प्रमुख ने एक साक्षात्कार में कहा कि एक व्यक्ति के तौर पर जसवंत बहुत अच्छे आदमी हैं. वह वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. मैं उनकी इज्जत करता हूं, उनकी किताब से अलग, वह पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं. गडकरी ने स्वीकार किया कि एक लोकतांत्रिक पार्टी होने के नाते उनकी पार्टी में हर नेता को अलग मत रखने का अधिकार है.
पार्टी में जसवंत सिंह की वापसी का बचाव करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे कई मत हो सकते हैं, जिन से जसवंत सहमत हों, लेकिन मैं सहमत न रहूं, लेकिन एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में, जहां तक भाजपा की बात है, मुझे लगता है कि वह पार्टी के प्रति समर्पित हैं, वह बहुत सम्माननीय नेता हैं, और इसलिए मैंने उन तक पहुंच बनाई.
उन्होंने दावा किया कि विख्यात वकील राम जेठमलानी ने पार्टी में वापस आने के पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए माफी मांगी. जेठमलानी को हाल ही में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर राजस्थान से राज्यसभा में लाया गया है. गडकरी ने कहा कि भाजपा में आने के पहले उन्होंने स्पष्ट किया कि वाजपेयी के खिलाफ टिप्पणियां ठीक नहीं थीं. पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि वह अध्याय अब खत्म हो चुका है और भाजपा समेत वाजपेयी का परिवार भी जेठमलानी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट है.
बिहार में जनता दल यूनाइटेड के साथ हाल के संकट और विधानसभा चुनाव के सहयोगियों के बीच विवाद पर गडकरी ने दावा किया कि यह मुद्दा उनकी पार्टी ने खड़ा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी को निर्धारित करेगी कि उनके प्रत्याशियों के लिए कौन प्रचार करेगा. गडकरी ने कहा कि यह दूसरी पार्टियों या दूसरे नेताओं द्वारा निर्धारित नहीं किया जाएगा. यह निर्धारित करना हमारा अधिकार और विशेषाधिकार है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एम गोपालकृष्णन