जलवायु परिवर्तन का टेस्ट
कार्बन डाय ऑक्साइड, कांचघर प्रभाव, उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन के असर, ये शब्द हर रोज मीडिया में सुनाई देते हैं. लेकिन इन शब्दों के पीछे क्या है? पर्यावरण संरक्षण के बारे में अपनी जानकारी टेस्ट कीजिए.
सवाल
धरती कितनी गर्म हो गई है?
जवाब
सन 1850 के करीब औद्योगिक क्रांति से पहले की तुलना में धरती एक डिग्री गर्म हुई है. वैज्ञानिकों को डर है कि उनके द्वारा तय 2 डिग्री की सीमा को 2100 तक बचा पाना संभव नहीं है. आलोचक 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को यूं भी ज्यादा मानते हैं और नए सर्वेक्षणों की रोशनी में 1.5 डिग्री की सीमा पर जोर दे रहे हैं.
सवाल
सन 2100 तक धरती के 2 डिग्री गर्म होने के क्या परिणाम होंगे?
जवाब
धरती का तापमान यदि तेजी से बढ़ता है तो तीस लाख लोग तटीय क्षेत्रों में आने वाली बाढ़ से खतरे में पड़ जाएंगे. इसके अलावा 2 अरब लोग सूखे की वजह से पानी की कमी का शिकार होंगे. 20 से 30 प्रतिशत प्रजातियां खत्म हो जाएंगी क्योंकि धरती के गर्म होने से उनकी प्रकृति के अनुरूप ढलने की क्षमता खत्म हो जाएगी.
सवाल
कांचघर प्रभाव कैसे पैदा होता है?
जवाब
कोयला, खनिज तेल और गैस. बिजली बनाने, घर को गर्म करने, मोटर चलाने या औद्योगिक उत्पादन के लिए इन प्राकृतिक ईंधनों को जलाने से कार्बन डाय ऑक्साइड पैदा होता है जो वातावरण में घुल जाता है. कांचघर प्रभाव उत्पन्न करने में कार्बन डाय ऑक्साइड की 65 प्रतिशत जिम्मेदारी है.
सवाल
पिछले साल कौन से देश मौसम में तेज बदलाव से प्रभावित थे?
जवाब
पर्यावरण संगठन जर्मन वॉच के अनुसार सर्बिया, अफगानिस्तान और बोजनिया-हैर्त्सेगोविना में 2015 में खतरनाक मौसमी घटनाएं हुई. 1995 से बाढ़, तूफान और सूखे जैसी मौसमी परेशानियों का शिकार सबसे ज्यादा होंडुरास, म्यांमार, हैती और फिलीपींस जैसे दक्षिण के छोटे देश हुए हैं.
सवाल
जलवायु परिवर्तन पर समुद्र का खारापन क्यों बढ़ता है?
जवाब
समुद्र के पानी पर कांचघर गैस कार्बन डाय ऑक्साइड का रासायनिक असर होता है. रासायनिक प्रक्रिया से पानी अल्कली का हिस्सा कम हो जाता है. इसका समुद्र में अल्गी और कोराल जैसे जीवों पर बुरा असर होता है. पानी में अम्ल जितना ज्यादा होगा चूने के खोल गलने लगते हैं और कोराल मरने लगते हैं.
सवाल
जलवायु परिवर्तन में किसकी ज्यादा भूमिका है?
जवाब
एयरबस ए 320 से उड़ान भरने वाला यात्री 248 किलो कार्बन डाय ऑक्साइड पैदा करता है. उसी दूरी को तय करने के लिए फोल्क्सवागेन की नई कार 179 ग्राम कार्बन डाय ऑक्साइड उत्सर्जित करती है. पर्यावरण के लिए सबसे अच्छा है रेल से सफर करना. इस दूरी के लिए प्रति यात्री कार्बन डाय ऑक्साइड का उत्सर्जन 11 किलो है.