जर्मन संसद का गुंबद सैलानियों के लिए बंद
२२ नवम्बर २०१०जर्मनी आने वाले सैलानियों की दिलचस्पी में सबसे ऊपर मौजूद संसद भवन का गुंबद आतंक के कारण सहम गया है. 19वीं सदी में बनी संसद भवन के ऊपर जर्मन एकीकरण के बाद बना ये शीशे का गुंबद बेहद खास है. नीचे से ऊपर की तरफ गोलाई में घूमती सीढ़ियां दर्शकों को संसद के एकदम ऊपर तक ले जाती हैं और फिर वहां से पूरा बर्लिन देखा जा सकता है. वहां से संसद के अंदर का दृश्य भी दिखता है, जहां सांसद बैठते हैं. सिर्फ पहले से बुकिंग करा चुके कुछ खास सैलानियों को ही कड़ी तलाशी के बाद यहां जाने दिया जा रहा है.
जर्मन संसद को देखने के लिए दो ढाई घंटे की लंबी लाइन लगानी पड़ती है. हर साल लगभग 30 लाख लोग संसद देखने आते हैं. लेकिन सोमवार को हजारों लोग इसे देखने की हसरत लिए निराश होकर वापस लौट गए. बवेरिया से पूरे परिवार के साथ गुंबद देखने आए पीटर काले निराश होकर कहते हैं, "ये दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन मुझे यकीन है कि पुलिस के पास ऐसा करने की पक्की वजह होगी. आतकवादियों से निपटना हमारे घूमने से ज्यादा जरूरी है." जर्मन संसद राइसटाग की तरफ से जारी बयान में ये नहीं कहा बताया गया है कि गुंबद को सैलानियों को फिर से कब खोला जाएगा न ही इसे बंद करने की वजह. बयान में बस इतना कहा गया है कि, "अगले आदेश तक इसे बंद किया जा रहा है."
संसद भवन के चारों ओर हथियारों से लैस 60 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. आतंकी हमले के खतरे की चेतावनी के बाद जर्मनी में हर तरफ हरा पुलिसिया रंग दिख रहा है. आम दिनों में इक्का दुक्का नजर आने वाले पुलिसकर्मी हर तरफ नजर आ रहे हैं और वो भी बुलेटप्रूफ जैकेट और ऑटोमेटिक हथियारों से लैस. एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और दूसरे संवेदनशील जगहों पर तो खास पहरा है. विदेशों से आ रहे विमान यात्रियों को भी कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ रहा है.
शनिवार को जर्मन पत्रिका डेअर स्पीगल ने खबर छापी थी कि विदेश में रहने वाले एक आतंकवादी ने अधिकारियों को खबर दी है कि आतंकवादी संसद भवन पर हमला करने की तैयारी में हैं. हालांकि पुलिस इन खबरों को ज्यादा महत्व नहीं दिया है और कहा है कि इस बात की पक्की खबर नहीं है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए जमाल