1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मन राष्ट्रपति होर्स्ट कोएलर की विदाई

१६ जून २०१०

मंगलवार को जर्मन राष्ट्रपति कोएलर का दफ्तर में आखिरी दिन था. कोएलर को विदा देने राष्ट्पति भवन में ऑफिस के सभी कर्मचारी इकट्ठा हुए. स्टाफ से विदा लेते समय राष्ट्रपति ने पद छोड़ने की वजहों पर कोई बात नहीं की.

https://p.dw.com/p/Nrlx
तस्वीर: AP

दो हफ्ते पहले अचानक इस्तीफा देकर राष्ट्रपति कोएलर ने चांसलर अंगेला मैर्केल की मुश्किलें बढ़ा दी. एक बयान पर जब राष्ट्रपति की आलोचना हुई तो उन्होंने उसे अपनी आन पर ले लिया और पद छोड़ने का एलान कर दिया. राष्ट्रपति ने विदा लेते समय अपने स्टाफ को पिछले कुछ सालों में किए उनके काम के लिए शुक्रिया कहा और उनसे हाथ मिलाकर विदा ले ली.

कोएलर ने मंगलवार की शाम राष्ट्रपति भवन में 200 रिश्तेदारों और करीबी मित्रों को फेयरवेल ड्रिंक के लिए बुलाया. जर्मनी की सशस्त्र सेना ने पारंपरिक टैटू के जरिए राष्ट्रपति भवन के सामने लॉन में कोएलर को औपचारिक विदाई दी.

Flash-Galerie Horst Köhler
तस्वीर: AP

इस दौरान चांसलर मैर्केल और मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य मौजूद थे. फेडरल असेंबली ने उन्हें पहली बार 2004 में राष्ट्रपति चुना. दूसरी बार उनके कार्यकाल के अभी एक साल ही बीते थे कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

राष्ट्रपति की एक अहम जिम्मेदारी होती है सेना का सम्मान करना. एक रेडियो इंटरव्यू में कोएलर ने कहा कि सेना जर्मनी के राष्ट्रीय हितों के लिए है जिसमें कारोबार भी शामिल है. शांति समर्थकों को यही बात चुभ गई और उन्होंने राष्ट्रपति की कड़ी आलोचना कर दी.

कोएलर ने इन आलोचनाओं को अपने सम्मान पर चोट माना और पद छोड़ने का एलान कर दिया. जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति को आलोचना से ज्यादा इस मामले में सरकार की खामोशी बुरी लगी.

1,244 सदस्यों वाली संघीय असेंबली 30 जून को नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी. चांसलर मैर्केल ने राष्ट्रपति के लिए क्रिस्चियन वुल्फ का नाम आगे बढ़ाया है. वुल्फ एक राज्य के मुखिया हैं और चुनावों में उन्होंने अभूतपूर्व सफलता हासिल की.

हालांकि मैर्केल के गठबंधन सरकार फिलहाल आंतरिक कलह और बगावतों से जूझ रही है. जर्मन राष्ट्रपति देश से बाहर राजकीय दौरों पर जाते हैं और संसद से पारित विधेयक उनके दस्तखत के बाद ही कानून बनते हैं बावजूद इसके राष्ट्रपति के पास कम ही अधिकार हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ एन रंजन

संपादन: एस गौड़