जर्मन राष्ट्रपति का क्रिसमस पर सद्भावना संदेश
२४ दिसम्बर २०१५राष्ट्रपति गाउक ने रिफ्यूजी संकट पर जोरदार बहस किए जाने की जरूरत पर बल देने के साथ साथ इसे सुलझाने में बल आजमाने और घृणा भड़काने की किसी भी कोशिश से सावधान रहने की अपील की. जर्मन राष्ट्रपति ने कहा, "मतभेदों से सामुदायिक जीवन में व्यवधान नहीं आता बल्कि यह तो लोकतंत्र का एक हिस्सा हैं."
पूर्वी जर्मनी में कम्युनिस्ट शासन के युग में पादरी रह चुके गाउक ने कहा कि केवल खुली बातचीत और बहस से ही एक ऐसा स्थायी उपाय निकल सकेगा जो ज्यादातर लोगों को स्वीकार्य हो. इसके अलावा कैथोलिक धर्म के सबसे बड़े नेता पोप फ्रांसिस ने भी कैथोलिक समुदाय से इस पावन साल में अपने घरों के दरवाजे शरणार्थियों के लिए खोल देने का आह्वान किया है. कई जनपद और ईसाई मठ इसका पालन कर रहे हैं लेकिन सभी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.
इस साल रिकार्ड संख्या में जर्मनी और दूसरे यूरोपीय देशों में शरण की तलाश में पहुंचे सीरिया और अन्य संकटग्रस्ट देशों के लोगों के हॉस्टलों पर हमलों के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हिंसा और घृणा अपनी असहमति दिखाने के जायज रास्ते नहीं माने जा सकते. उन्होंने कहा कि "आगजनी और निराश्रित लोगों पर हमले हमारी निंदा के लायक और दोषी सजा के हकदार हैं."
बर्लिन में अपने आधिकारिक आवास श्लॉस बेलेव्यू में रिकॉर्ड किए अपने संदेश में जर्मन राष्ट्रपति ने उन सबके प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने शरणार्थी संकट से निपटने में जर्मनी की मदद की. गाउक ने कहा, "हमने दिखा दिया है कि हम क्या कर सकते हैं, सदभावना और पेशेवर रवैया ही नहीं तात्कालिक उपायों के मामले में भी." शरणार्थियों की मदद के लिए तुरंत मदद को सामने आए लोगों ने दुनिया को "एक दयालु और कोमल हृदय वाले देश का चेहरा दिखाया है."
आरआर/एमजे (डीपीए)