जर्मनी में होली के रंग
होली में बस अब कुछ ही दिन बाकी हैं. क्या आप जानते हैं जर्मनी में भी साल भर अलग अलग शहरों में होली का आयोजन होता है. जर्मन शहर लेवरकूजेन में होली की झलक...
इंडो-यूरो संगीत
खुले आसमान के नीचे संगीत की धुन में थोड़ी सी भारत की लय और थोड़ी यूरोपीय टेक्नो संगीत के सुर. पंजाबी गायक और भांगड़ा नर्तकों की मौजूदगी ने मजे में और चार चांद लगा दिए.
एक रंग में डूबे सारे
रंगों के इस खेल से जर्मन भी खुद को रोक नहीं पाते. आम तौर पर संकोच बरतने वाले जर्मन भी जब होली खेलते हैं, तो एक दूसरे पर खूब रंग उछालते हैं.
थोड़ा आराम हो जाए
कार्यक्रम के आयोजकों में से एक को कुछ साल पहले भारत यात्रा के दौरान दिल्ली में होली खेलने का मौका मिला. वापस आकर दो दोस्तों की मदद से उन्होंने 2011 में पहली बार बर्लिन में होली का आयोजन किया जिसके टिकट तीन घंटों के अंदर बिक गए और 15,000 लोग होली खेलने शामिल हुए.
ठंड को बाय बाय
अच्छे मौसम में नदी के किनारे खिली धूप में होली का मजा ही अलग है. लंबी बर्फीली ठंड के बाद सुनहरी धूप में इलेक्ट्रो संगीत पर खूब झूमे सभी.
टीका हो ही जाए
भारत के रंग में रंगना यूरोप में भी युवतियों को खासा आकर्षित करता है. फिर बिंदी लगाने का इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है...
मुंह में पानी
अपने तीखेपन और चटपटे स्वाद के लिए मशहूर भारतीय खाने के स्टॉल भी लगाए जाते हैं. जर्मन लोगों के लिए मसाला कम और भारतीयों के लिए तेज मिर्च मसाले वाले दोनों विकल्प मौजूद रहते हैं.
चलो अब ताज महल देखें
रंगों के इस त्योहार ने कई जर्मन युवाओं के मन में भारत देखने की इच्छा और प्रबल कर दी है. वे भारत जा कर वहां की संस्कृति को समझना चाहते हैं.