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जर्मनी में शरणार्थी घर पर हमला

६ अप्रैल २०१५

पूर्वी जर्मनी के शहर ट्रोएगलित्स में शरणार्थियों के एक घर में लगी आग के कारण का अभी भी कुछ पता नहीं लगा है. पुलिस का कहना है कि यह नस्लभेद से प्रेरित हिंसा का मामला हो सकता है.

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Brand in zukünftiger Asylbewerberunterkunft in Tröglitz
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Schmidt

शरणार्थी निवास में फिलहाल एक दम्पति ही रह रहा था. मई में इस इमारत में चालीस शरणार्थियों को ठहराए जाने की योजना थी. पुलिस के अनुसार आग इतनी भयानक थी कि मकान का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह नष्ट हो गया और दम्पति बाल बाल बचा. आग स्थानीय समय के अनुसार सुबह दो बजे लगी. रविवार तक पुलिस वारदात की जगह से जरूरी सबूत जमा कर चुकी थी. फिलहाल कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की गयी है और पुलिस का कहना है कि आग के कारण के बारे में ठीक तरह से कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन माना जा रहा है कि नस्लभेदी हिंसा के तहत जानबूझ कर यह हमला किया गया.

Markus Nierth
ट्रोएगलित्स के पूर्व मेयर मार्कुस निएर्थतस्वीर: picture-alliance/L. Schulze

जर्मनी का यह शहर पहले भी विदेशियों के साथ हिंसा के कारण सुर्खियों में रहा है. मात्र 2,800 लोगों की आबादी वाला यह शहर पिछले महीने तब चर्चा का विषय बना जब मेयर मार्कुस निएर्थ को नवनाजियों के दबाव के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. शहर में चालीस शरणार्थियों को लेने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हुए और उग्रदक्षिणपंथियों ने मेयर के घर के बाहर नारेबाजी भी की. जर्मन अखबार बर्लिनर टागेसश्पीगल को दिए इंटरव्यू में पूर्व मेयर ने कहा कि उन्हें यकीन है कि यह हमला योजना के तहत किया गया है और हमलावर यह जानते थे कि अंदर लोग हैं. निएर्थ ने कहा, "मैं हैरान हूं, दुखी हूं और साथ ही साथ गुस्से में भी हूं." उन्होंने कहा कि शहर "कभी इस हादसे से उबर नहीं पाएगा".

शनिवार को हुए इस हमले से ना केवल जर्मनी, बल्कि पूरे यूरोप में नाराजगी का माहौल है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष थोरबियोर्न यागलांड ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि ऐसी घटना से पूरे यूरोप को सचेत हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "नस्लवाद, जातिवाद, राजनीतिक और धार्मिक कट्टरपंथ लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं."

फिलहाल इस बात पर भी चर्चा चल रही है कि जिन चालीस शरणार्थियों को यहां ठहराया जाना था उन्हें अब कहां ले जाया जाएगा. सीरिया, इराक और उत्तरी अफ्रीका में चल रहे तनाव के कारण जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले दो साल में जर्मनी में शरणार्थियों के जितने आवेदन आए हैं, उतने यूरोपीय संघ के और किसी भी देश में दर्ज नहीं किए गए हैं. जर्मनी के पास फिलहाल डेढ़ लाख से ज्यादा आवेदन मौजूद हैं. इसके साथ साथ साल 2014 में विदेशियों के प्रति हिंसा के मामले भी बढे हैं.

आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)