जर्मनी में चिड़ियों की गणना
जर्मनी में सर्दियों में चिड़ियों की गणना करने का चलन है. प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की संस्था नाबू द्वारा कराई गई गणना में 70,000 रिसर्चरों ने हिस्सा लिया. आइए देखें जर्मनी में कैसे अंजाम दिया जाता है इस काम को...
हजारों रिसर्चर
70,000 रिसर्चरों ने स्वेच्छा से इस काम में तीन दिनों तक हिस्सा लिया. वे अपने दूरबीन और जरूरी यंत्र लेकर आए थे. इस साल की शुरुआत में गणना के पहले ही दिन करीब 11,000 रिसर्चरों ने परिणाम दर्ज कराए. उनके मुताबिक लगभग 2.8 लाख से ज्यादा चिड़ियों ने सर्दी जर्मनी में बिताई.
सबसे ज्यादा गौरैया
9 से 11 जनवरी के बीच हुई गणना में सबसे बड़ी आबादी में गौरैया पाई गईं. वे 10 लाख से ज्यादा थीं. चिड़ियों की गणना कर जलवायु परिवर्तन के परिणामों जैसे बिंदुओं पर रिसर्च की जाती है. गणना से यह भी साबित हुआ कि गौरैया जलवायु परिवर्तनों के अनुकूल खुद को ज्यादा अच्छे से ढाल पाती हैं.
ग्रेट टिट (पारस)
जर्मनी में सर्दियों के मौसम में इस चिड़िया की आबादी दूसरे स्थान पर पाई गई. जर्मनी में रहने वाले पक्षियों की कुल 160 प्रजातियों में से ज्यादातर सर्दियों के महीनों में कम ठंडे इलाकों में पाई जाती हैं.
चिड़ियों की जानकारी
जर्मनी में पाई जाने वाली चिड़ियों के बारे में जानकारी गाइडबुक्स के अलावा प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की संस्था नाबू की वेबसाइट पर भी पाई जा सकती है. इनमें दिए गए चिड़ियों के विवरण के आधार पर रिसर्चर चिड़ियों की पहचान कर उनकी गणना करते हैं.
रॉबिन
रॉबिन भी सर्दियों के महीनों में जर्मनी में दिखाई देती है. जर्मनी में पहले के मुकाबले कम ठंड और खाना पीना आसानी से मिल जाने की वजह से अब ये फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में जल्दी आप्रवासन नहीं करतीं.