जर्मनी के 10 अजीबोगरीब म्यूजियम
कभी इतिहास, कभी विज्ञान, कभी अर्थव्यवस्था को समझाने के लिए अक्सर स्कूली छात्रों को म्यूजियम ले जाया जाता है. जर्मनी में 6,300 से भी ज्यादा म्यूजियम हैं. लेकिन इनमें से कुछ इतने अजीब हैं कि हर कोई इनका लुत्फ उठाना चाहेगा.
हैम्बर्ग: मिनिएचर म्यूजियम
इस जगह का नाम है मिनिएचर वंडरलैंड और यह हैम्बर्ग के सबसे बड़े आकर्षण में से एक है. यह अपने आप में एक छोटी सी दुनिया है. मिनिएचर रेल दुनिया के सबसे लंबे रास्ते पर यहां चलती है. 2014 में इसे देखने दस लाख लोग पहुंचे.
ड्रेसडेन: हाइजीन म्यूजियम
सुनने में यह अजीब सा नाम लगता है लेकिन इंसानी शरीर के विज्ञान से जुड़ी छोटी छोटी बातों को यहां सीखा जा सकता है. कुछ ऑडियो फाइलों के जरिए सेक्स जैसे विषयों पर भी जानकारी मिल सकती है. मिसाल के तौर पर इंसानी खुशबू किस तरह से आकर्षण के लिए जिम्मेदार होती है.
एसेन: सोल ऑफ अफ्रीका
वूडू परंपरा करीब चार हजार साल पुरानी है. आज वूडू डॉल्स दुनिया भर के बाजारों में मिलती हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि काले जादू की यह परंपरा अफ्रीका में शुरू हुई. एसेन शहर के इस म्यूजियम में पानी की देवी मामी वाता के भी दर्शन किए जा सकते हैं.
फ्रैंकफर्ट: टेस्ट ऑफ डार्कनेस
क्या आप अंधेरे में खाना खाना पसंद करेंगे? फ्रैंकफर्ट के म्यूजियम में ऐसा किया जा सकता है. मकसद है यह समझाना कि नेत्रहीनों का जीवन कैसा होता है. म्यूजियम में छह ऐसे कमरे हैं जहां अंधेरे में रोजमर्रा की जिंदगी का अनुभव किया जा सकता है.
हाइडेलबर्ग: केमिस्ट म्यूजियम
हर कोई चाहता है कि दवाएं खरीदनी या खानी ना पड़ें, लेकिन जर्मनी में तो इनका म्यूजियम ही बना दिया गया है. हाइडेलबर्ग के मशहूर किले के बीचोबीच यह म्यूजियम है. यहां 2000 सालों के चले आ रहे दवाओं के चलन को देखा और समझा जा सकता है. केमिस्ट की दुकान का यह नमूना 1724 की एक झलक दिखाता है.
बर्लिन: सॉसेज म्यूजियम
जर्मनी की राजधानी बर्लिन दो चीजों के लिए जानी जाती है, एक अपनी जिंदादिली और दूसरा करीवुर्स्ट. यह एक सॉसेज है जिस पर टमाटर की चटनी, प्याज और मसाला डाल कर खाया जाता है. इस म्यूजियम में तरह तरह के करीवुर्स्ट देखे और खाए जा सकते हैं. मसाला कैसे तैयार करना है और सॉसेज को कैसे सही ढंग से तलना है, इस पर यहां टिप्स मिल सकते हैं.
ब्रूल: टैक्स म्यूजियम
जर्मनी में आमदनी का करीब चालीस फीसदी हिस्सा टैक्स में जाता है. अधिकतर लोग टैक्स का हिसाब लगाने के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या फिर सीए पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में एक म्यूजियम उन्हें टैक्स के बारे में सारी जानकारी मुहैया कराता है, वह भी चार शताब्दी ईसा पूर्व से अब तक की.
म्यूनिख: पोटेटो म्यूजियम
जर्मनी में आलू इतना खाया जाता है कि कई बार मजाक में इसे जर्मनी की नेशनल डिश भी कहा जाता है. आलू के दीवाने देश में आलू का म्यूजियम भी है. लेकिन चाव से आलू खाने वालों के लिए बुरी खबर यह है कि यहां फ्रेंच फ्राई या फार्म पोटेटो खाने को नहीं मिलते. यहां केवल आलू के विज्ञान और उसके इतिहास का वर्णन है.
म्यूनिख: बीयर म्यूजियम
अक्टूबरफेस्ट के लिए मशहूर म्यूनिख शहर में केवल आलू ही नहीं बीयर का भी म्यूजियम है और यहां कई तरह की बीयर चखी जा सकती है. म्यूजियम एक ऐसी इमारत में बना है जिसका निर्माण 1340 में हुआ. यहां बीयर बनते भी देखा जा सकता है और 1487 की असली बीयर रेसिपी भी मिल सकती है.
कोलोन: चॉकलेट म्यूजियम
कार्निवाल के शहर कोलोन में मौजूद है चॉकलेट म्यूजियम. चॉकलेट की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसे बनाने की क्या विधि है, कहां कहां से इसके बीज लाए जाते हैं, ये सारी जानकारी इस म्यूजियम में मिल सकती है. तमाम ज्ञान लेने के बाद यहां गर्मागर्म ताजा चॉकलेट चखने को भी मिलती है.