जर्मनी के रंगीन लिबास
लेडरहोजेन यानी लेदर पैंट्स, बोलेनहूट और बहुत कुछ. जर्मनी के अलग अलग प्रांतों के पारंपरिक परिधान उस जगह के इतिहास को बखूबी बयां करते हैं. अब सिर्फ शादियों और बेहद खास मौकों पर ही दिखने वाली इन वेषभूषाओं पर डालिए एक नजर.
ब्लैक फॉरेस्ट के फुंदने
ब्लैक फॉरेस्ट इलाके के तीन गांवों में परंपरा है कि गांव की लड़की के चर्च में कन्फरमेशन के बाद वह पारंपरिक "बोलेनहुटेन" यानि लाल रंग के ऊन के फुंदे वाली टोपी पहनती है. लेकिन शादी के बाद टोपी पर काले रंग के फुंदे लगाने होते हैं. हर टोपी के लिए लगती है दो किलोग्राम ऊन.
त्योहारों में खिलते आदिवासी रंग
पूर्वी यूरोप के लुसेशिया इलाके में सोर्ब नामके अल्पसंख्यक स्लाविक रहते हैं. रोमन कैथोलिक या लूथेरियाई समुदाय के ये लोग त्योहारों के मौके पर सुंदर रंग बिरंगी पुश्तैनी पोशाकें पहनते हैं.
पुरस्कृत पोशाक
जर्मनी के फोएहर द्वीप के लोगों ने कील में जब अपने क्षेत्रीय परिधान में शिरकत की तो उनकी फ्रॉकनुमा पोशाक को "साल के सर्वश्रेष्ठ परिधान" की उपाधि से नवाजा गया. जर्मनी के करीब 20 लाख लोग परंपरागत वस्त्रों को बचाकर रखने वाले एक खास संगठन के सदस्य हैं.
रानी के लिए
जर्मन लोगों के लिए अप्रैल में शुरू होने वाले एस्पेरेगस के मौसम की बड़ी धूम है. बर्लिन के पास बेलिट्स नामके शहर में तो बकायदा समारोह होता है और एक एस्पेरेगस क्वीन चुनी जाती है.
घोड़ियां भी सजती हैं
बवेरिया के ट्राउनश्टाइन शहर में आदमी अपने साथ साथ अपना घोड़ा भी पारंपरिक वेषभूषा में सजाता है. हर साल ईस्टर सोमवार को स्थानीय लोग सज धज कर अपने घोड़ों के साथ "जॉर्ज राइड" नामकी दौड़ में हिस्सा लेते हैं.
चुनाव का दिन है खास
कुछ जर्मन लोग वोट डालने के दिन को बहुत खास दिन मानते हैं. लोअर सेक्सनी राज्य के लोग उस दिन मतदान केंद्रों पर अपने "ओएस्टर्टन ट्राख्ट" नामके परिधानों में पहुंचते हैं. जर्मनी में मतदान हमेशा रविवार को ही होता है.
राज्य का गौरव
हर साल राइनलैंड-पेलेटिनेट दिवस के मौके पर तीन लाख से भी ज्यादा लोग अपने राज्य और उसकी खासियत को बहुत गर्व से दिखाते हैं.
नए में पुराने की छौंक
हनोवर विश्वविद्यालय के छात्र सदियों पुराने फैशन को नया रूप दे रहे हैं. तस्वीर में दिखाई दे रहे डिजाइनर कपड़े पुराने परिधानों को नए रंग में दिखा रहे हैं.
फूलों से श्रृंगार
यह तीन महिलाएं पूर्वी जर्मनी के ब्रांडेनबुर्ग में कॉस्ट्यूम परेड शुरू होने का इंतजार कर रही है. राजधानी बर्लिन से करीब 100 किलोमीटर दक्षिण के श्प्रेवाल्ड फॉरेस्ट इलाके की ये खास ड्रेस है.
शानोशौकत के अंदाज
जर्मन पोशाकों पर बात लेडरहोसन यानी लेदर पैंट्स के जिक्र के बिना कैसे पूरी हो सकती है. अपर बवेरिया में 12,000 से ज्यादा लोग शूटिंग क्लबों के सदस्य हैं. ऐसे करीब 47 क्लबों की अपनी विशेष पोशाकें हैं जिन्हें वे क्लब के सालाना जलसे में पहनते हैं.
शादी के रंग
तस्वीर में दिख रही सिल्विया ग्रांट की तरह लोअर सेक्सनी के इलाके की दुल्हन शादी के मौके पर एक खास तरह का ताज पहनती हैं. अकेले इसी राज्य में 40 से 50 अलग अलग तरह के पारंपरिक परिधान हैं.