जर्मनी का नया फुटबॉल संग्रहालय
जर्मन शहर डॉर्टमुंड की दो मंजिली इमारत में बसा है जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन का मंदिर. जर्मनी के राष्ट्रीय खेल फुटबॉल के इतिहास को समर्पित नया संग्रहालय.
परिकल्पना से बन कर तैयार होने में नौ साल लगे. इस संग्रहालय को बनाने में 3.6 करोड़ यूरो खर्च हुए और करीब 800 टन स्टील लगा. फुटबॉल को जर्मनी के राष्ट्रीय धवज के रंगों से सजाया गया है.
60 साल पुरानी इस बॉल की खरोंचें गवाह हैं 1954 में स्विट्जरलैंड में हुई विश्व चैंपियनशिप में पश्चिम जर्मनी की वापसी की. दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1950 में तीनों जर्मन टीमों - पूर्वी, पश्चिमी और सार प्रोटैक्टोरेट को खेलने नहीं दिया गया था.
1954 में जर्मनी द्वारा जीता फुटबॉल का पहला विश्व कप बर्न चमत्कार के नाम से मशहूर है. पूरी टीम को देख कर समय के साथ बदली खिलाड़ियों की शारीरिक संरचना पर भी ध्यान जाता है.
चार मीटर (13 फीट) व्यास वाली यह विशाल जगमगाती फुटबॉल खुद एसोसिएश के प्रतीक के तौर पर रखी है. जर्मनी की सभी राष्ट्रीय टीमों की उपलब्धियों को समर्पित इस बॉल पर कुछ यादगार दृश्यों को उकेरा गया है.
ट्रॉफी रूम में जर्मनी द्वारा हाल के सालों में जीती गई उन सभी ट्रॉफियों की प्रतिकृति रखी गई है जो उन्होंने तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीती हैं.
प्रदर्शनी स्थल में केवल यही जगह है जहां आप स्टेडियम जैसी सीटों पर बैठ कर संग्रहालय के मल्टीमीडिया संग्रह का आनंद ले सकते हैं.
खेल के बारे में अपने ज्ञान को परखने के लिए म्यूजियम के अंत में बने क्विज कंसोल का इस्तेमाल किया जा सकता है. फुटबॉल में दिलचस्पी रखने वाले खेल की जानकारी रखना भी पसंद करते हैं.