जयराम रमेश का इस्तीफा नामंजूर
१३ मई २०१०पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि भारतीय गृह मंत्रालय और सुरक्षा तंत्र चीन की कंपनियों को भारत में कारोबार करने देने में जरूरत से ज्यादा एहतियात बरत रहे हैं. उनके इस बयान से काफी विवाद हुआ और प्रधानमंत्री ने उन्हें फटकार लगाई. इसके बाद सोमवार देर शाम रमेश ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रमेश का इस्तीफा नहीं माना.
रमेश के बयान पर काफी हंगामा हुआ और उनके चीन से लौटते ही प्रधानमंत्री ने उन्हें फटकार लगाई. विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी रमेश को आड़े हाथों लेते हुए उनके बयान पर आपत्ति जताई और कार्रवाई की मांग की.
इन हालात को देखते हुए जयराम रमेश ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर जयराम रमेश की टिप्पणी पर गहरा एतराज जताया और कहा कि कैबिनेट के साथी से इस तरह की टिप्पणी अशोभनीय है, जिसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय चीन से कारोबार को लेकर बिला वजह एहतियात बरत रहा है.
चिदंबरम और रमेश से चिट्ठी मिलने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पर्यावरण मंत्री से कहा कि उन्हें किसी और मंत्रालय के बारे में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया, "प्रधानमंत्री ने सलाह दी कि आपको किसी दूसरे मंत्रालय पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, खास कर अगर यह मामला चीन जैसे अहम पड़ोसी से जुड़ा हो."
प्रधानमंत्री ने रमेश से कहा था कि चीन को लेकर भारत की नीतियों में कोई संदेह नहीं है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल