जमीं पर उतरा उम्मीदों का सितारा
मस्त हुए पोल्डी और श्वाइनी
जर्मन टीम के सबसे ज्यादा मस्त रहने वाले खिलाड़ी लुकास पोडोल्स्की (बाएं) साथी खिलाड़ी बास्टियान श्वाइनश्टाइगर के साथ. जीत के बाद दोनों ने कुछ इस अंदाज में खुशी जाहिर की. पोडोल्स्की को प्यार से पोल्डी और श्वाइनश्टाइगर को श्वाइनी कहा जाता है.
ब्राजील भी झूमा
पोडोल्स्की, रेड इंडियन बच्चे से मिलने भी गए. पोल्डी ने उसे एक फुटबॉल भेंट की. ब्राजील की पत्रिका लांस ने इसे कवर पेज पर छापा.
खुशी के आंसू
2002 के फाइनल में हार, 2006 और 2010 के सेमीफाइनल में हार, वर्ल्ड कप में मायूस होने का ये सिलसिला आखिर टूट ही गई. कई उतार देख चुकी टीम जब विश्व विजेता बनी तो कोच योआखिम लोएव और श्वाइनश्टाइगर भाव विह्वल हो उठे.
पूरा हुआ सपना
जर्मनी की यह जीत ऐतिहासिक है. यह पहला मौका है जब दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में कोई यूरोपीय टीम विश्व विजेता बनी है. एकीकरण के बाद जर्मनी ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता है. जीत के बाद रोते हुए गोलकीपर मानुएल नॉयर को गले लगाते मिरोस्लाव क्लोजे
गॉड बने गोएत्से
निर्णायक गोल करने वाले मारियो गोएत्से, 22 साल के गोएत्से को गॉट (जर्मन भाषा में भगवान) कहा जा रहा है. खुद गोएत्से के लिए यह बड़ी कामयाबी है. एक ऐसे वक्त में जब वो टीम में अपनी भूमिका तलाशने के लिए छटपटा रहे थे, तभी एकाएक उन्होंने जता दिया कि भविष्य में वो क्या करेंगे.
लग जा गले
विश्व विजेता का तमगा लेने के लिए जैसे ही जर्मन खिलाड़ी मंच की ओर बढ़े चासंलर अंगेला मैर्केल ने उन्हें गले लगा लिया. मैर्केल की देखा देखी राष्ट्रपति गाउक ने भी की. तस्वीर में सात नंबर श्वाइनश्टाइगर और नौ नंबर आंद्रेया शुर्ले.
ड्रेसिंग रूम में पूरा देश
विश्वविजेता बनने के बाद जर्मन टीम ने ब्राजील पहुंची जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल और राष्ट्रपति योआखिम गाउक के साथ जश्न मनाया. ग्रुप स्टेज के पहले मैच में पुर्तगाल को हराने के बाद मैर्केल ने टीम से वादा किया था कि फाइनल में पहुंचने पर वह रियो डे जेनेरो आएंगी.
मिल ही गई मंजिल
मिरोस्लाव क्लोजे, 36 साल के इस शानदार स्ट्राइकर का भी वर्ल्ड कप जीतने का ख्वाब पूरा हुआ. क्लोजे का शायद यह आखिरी वर्ल्ड कप था. इस मौके पर उनका परिवार भी रियो डे जेनेरो पहुंचा.
देर रात से सुबह तक
राजधानी बर्लिन समेत कई शहरों में देर रात शुरू हुआ जश्न सुबह तक चला. बर्लिन में सुबह छह बजे तक ट्रैफिक जाम लगा रहा है. इस दौरान सड़कों पर खूब डांस हुआ और खूब हॉर्न बजे. ये वो लम्हा है जिसे कई फुटबॉलप्रेमी दशकों तक अपने जेहन में रखेंगे.