जब सेंसर की कैंची पर पैदा हुये विवाद
भारत का केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड अकसर विवादों में रहता है. फिल्मों को लेकर उसके फैसले अकसर सुर्खियों में रहे हैं. डालते हैं एक नजर सेंसर बोर्ड और फिल्मों के विवादों पर.
लिपिस्टिक अंडर माय बुर्का
फिल्म निर्माता प्रकाश झा और सेंसर बोर्ड के बीच विवाद नया नहीं है. जय गंगाजल के बाद झा की फिल्म लिपिस्टक अंडर माय बुर्का को सेंसर बोर्ड ने प्रमाणित करने से मना कर दिया है. बोर्ड के मुताबिक यह एक महिला प्रधान फिल्म है जो असली जिदंगी के परे है. बोर्ड ने कहा कि इसमें विवादास्पद यौन दृश्य, अपमानजनक शब्द और ऑडियो पोर्नोग्राफी शामिल है जो समाज के एक खास तबके के प्रति अधिक संवेदनशील है.
फोर्स 2
जॉन अब्राहम अभिनीत फिल्म फोर्स-2 को बोर्ड ने यू/ए सर्टिफिकेट दिया था. बोर्ड ने निर्देशक अभिनव देव को तीन कट लगाने को भी कहा था क्योंकि ये दृश्य सीमा पार आतंकवाद और भारत-पाक के संबंधों पर आधारित थे. इस पर अभिनेता जॉन अब्राहम ने कहा था कि फोर्स -2, पिछली फिल्म फोर्स का सीक्वेल है और यह सीमा-पार संबंधों पर एक राजनीतिक संदेश देती है. उन्होंने कहा था कि फिल्म को उरी हमलों को पहले फिल्माया गया था.
उड़ता पंजाब
शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं के बीच बड़ा विवाद हुआ. पंजाब में नशे की समस्या पर बनी इस फिल्म में बोर्ड ने 89 कट सुझाये थे. मामला हाई कोर्ट पहुंचा और अदालत ने एक कट के साथ इसे रिलीज करने की अनुमति दी. इस मसले पर फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से भी संपर्क किया था.
मैंसेजर ऑफ गॉड
इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने रिलीज सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था और मामले को समीक्षा समिति के पास भेजा था. बोर्ड ने फिल्म निर्माता-निर्देशक, लेखक अभिनेता गुरमीत राम रहीम सिंह के स्वयं को देवता के रूप में पेश किये जाने पर विरोध जताया था. लेकिन फिल्म को प्रमाणन अपीलीय ट्रिब्यूनल से स्क्रीनिंग की मंजूरी दी. इसके बाद तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष लीला सैमसन ने इस्तीफा दे दिया.
जॉली एलएलबी 2
भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर व्यंग्य करती अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 पर सेंसर बोर्ड ने नहीं, बल्कि बंबई हाई कोर्ट ने कट लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि फिल्म से उन दृश्यों को हटाया जाए जो वकीलों की गलत छवि पेश करते हैं. वकील अजय कुमार वाघमारे ने अपनी याचिका में कहा था कि फिल्म के कुछ दृश्यों में वकीलों का मजाक बनाया गया है और देश की न्याय व्यवस्था का अपमान भी किया गया है.
हॉलीवुड भी नहीं बचा
हॉलीवुड भी सेंसर बोर्ड के कट से अछूता नहीं रहा. जेम्स बॉन्ड सीरीज की 24वीं फिल्म स्पेक्टर को भारत में रिलीज किये जाने को लेकर खबरें आई कि तभी सेंसर बोर्ड ने फिल्म अभिनेता डैनियल क्रेग और अभिनेत्री मोनिका बेलुची के बीच लंबे चुंबन को भारतीय दर्शकों के लिये छोटे करने के आदेश दिये. हालांकि इम्तियाज अली की फिल्म तमाशा में भी सेंसर बोर्ड ने चुंबन दृश्यों पर सवाल उठाये थे.
अलीगढ़
मनोज वाजपेयी और राज कुमार राव अभिनीत फिल्म अलीगढ़ को बोर्ड ने "ए" सर्टिफिकेट दिया था जिस पर फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने विरोध जताया था. फिल्म के ट्रेलर में समलैंगिकता जैसे शब्दों को देखते हुये यह फैसला लिया गया. बोर्ड प्रमुख पहलाज निहलानी ने अलीगढ़ पर मेहता के विरोध के जवाब में कहा था कि समलैंगिकता जैसा विषय बच्चों और किशोरों के देखने के लिये नहीं है.
पहलाज निहलानी
सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी पद संभालने के बाद से ही फिल्म निर्माताओं की आलोचना का शिकार होते रहे हैं. निहलानी पहले ही स्वयं को सत्ताधारी भाजपा से जुड़ा हुआ बता चुके हैं. टि्वटर पर इन्हें संस्कारी कहकर भी खूब खिंचाई की गई. फिल्म क्या कूल है हम और मस्तीजादे के ट्रेलरों को पास करने को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निहलानी से स्पष्टीकरण भी मांगा था.