1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जकरबर्ग और मोदी की मुलाकात पर नजर

९ अक्टूबर २०१४

फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग अपनी भारत यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल रहे हैं. विकास और रोजगार के अपने एजेंडे के लिए भारत सरकार आईटी कंपनियों की मदद चाहती है.

https://p.dw.com/p/1DSUy
Symbolbild Facebook Börsengang im Mai 2012 Mark Zuckerberg
तस्वीर: Justin Sullivan/Getty Images

सोशल नेट्वर्किंग साइट फेसबुक पर नरेंद्र मोदी के करीब सवा दो करोड़ चाहने वाले हैं. वहीं माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्हें 70 लाख लोग फॉलो कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर मोदी सबसे लोकप्रिय सरकार प्रमुखों में शामिल हैं. ऐसे में मार्क जकरबर्ग भी उनकी लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहते हैं.

जकरबर्ग इंटरनेट डॉट ऑर्ग सम्मलेन के लिए भारत आए हैं. दुनिया की सात अरब की आबादी में से दो अरब लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा है. इस सम्मलेन में बाकी के पांच अरब लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने पर चर्चा हो रही है. फेसबुक, मीडियाटेक, एरिकसन, सैमसंग, नोकिया, ओपेरा और क्वॉलकॉम इसमें साझेदार हैं. किफायती दाम पर स्मार्टफोन में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना और भारत की क्षेत्रीय भाषाओं को इंटरनेट भाषाओं में शामिल करना चर्चा के अहम मुद्दों में शामिल हैं.

भारत की आबादी, युवाओं की संख्या, आईटी सेक्टर और इंटरनेट में रुचि को देखते हुए इन कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा बाजार साबित हो सकता है. भारत के दस करोड़ लोग फेसबुक इस्तेमाल करते हैं. अमेरिका के बाद भारत फेसबुक के लिए सबसे बड़ा बाजार है. हालांकि चीन भी एक अच्छा विकल्प है लेकिन इंटरनेट में सेंसरशिप के कारण वहां फेसबुक को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जकरबर्ग से पहले अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस और माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला भी भारत का दौरा कर चुके हैं. फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग ने भी तीन महीने पहले भारत आकर मोदी से मुलाकात की, जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि फेसबुक का इस्तेमाल शासन प्रणाली को बेहतर बनाने, सरकार और जनता के बीच संवाद बढ़ाने और पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए किया जाना चाहिए. माना जा रहा है कि स्वच्छ भारत अभियान के लिए मोदी फेसबुक के साथ साझेदारी की घोषणा करने वाले हैं.

इंटरनेट से डर

30 साल के जकरबर्ग की इन दो दिनों में मोदी के अलावा आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और अन्य मंत्रियों से भी मिलने की योजना है. भारत सरकार नए रोजगारों के लिए आईटी कंपनियों को देश में मेन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में लाने की कोशिश कर रही है. शेरिल सैंडबर्ग से मुलाकात के दौरान रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक पर और भारतीय भाषाओं को जोड़ने का सुझाव दिया था जिसपर सैंडबर्ग ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी.

आईटी समर्थक एक तरफ जकरबर्ग की भारत यात्रा को उत्साह के साथ देख रहे हैं तो कई लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं. पूर्व बीजेपी नेता केएन गोविंदाचार्या ने मोदी जकरबर्ग मुलाकात की आलोचना करते हुए कहा है कि फेसबुक जैसी कंपनियां गैरकानूनी रूप से देश में व्यापार लाने की कोशिश कर रही हैं. जहां मोदी सरकार ई-कॉमर्स को बढ़ावा देती हुई दिख रही है, वहीं हाल ही में फ्लिपकार्ट के बिग बिलियन डे पर हुए हंगामे से चिंता भी बनी हुई है. जानकारों का मानना है कि वित्त मंत्रालय को इंटरनेट में होने वाले व्यापार के बारे में बेहतर जानकारी और नए कानूनों की जरूरत है.

इसके अलावा डाटा सुरक्षा को ले कर भी चिंताएं है. एनएसए मामले ने दिखाया कि किस तरह से अमेरिका में मौजूद सभी सर्वरों पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी की नजर है. भारत चाहेगा कि फेसबुक का सर्वर भारत में ही हो. सुरक्षा के लिहाज से मोदी सरकार किस तरह के एहतियाती कदम उठाएगी, यह अहम होगा.

ईशा भाटिया

महेश झा