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मंथन 94 में खास

२ जुलाई २०१४

आजकल तरह तरह के ऐप्स हमारे फोन के साथ हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. इस बार मंथन में कुछ खास खूबियों वाले चैटिंग ऐप्स से आपको रूबरू कराएंगे. साथ ही लेकर चलेंगे आपको स्विट्जरलैंड की सर्न प्रयोगशाला में भी.

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तस्वीर: Robert Kneschke - Fotolia.com

2008 में स्विट्जरलैंड की सर्न प्रयोगशाला में अब तक का सबसे बड़ा प्रयोग शुरू हुआ. 100 देशों के 10,000 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने मिल कर लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर को तैयार किया. 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में लगातार पार्टिकल कोलिजन हो रहे हैं. मंथन में इस बार इस प्रयोग को बेहतर ढंग रूप से समझें. साथ ही जानिएगा कि अंतरिक्ष में उड़ान सुरक्षित रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक क्या कर रहे हैं. नासा अपने मार्स रोवर पर ढाई अरब डॉलर खर्च कर चुका है. ऐसे में जरूरी होता है कि रोवर में अंतरिक्ष में जा कर कोई खराबी ना आ जाए. इसलिए धरती से बाहर भेजने से पहले धरती पर ही उसकी खूब प्रैक्टिस कराई जाती है.

क्यों बनते हैं ज्वालामुखी

हमारी धरती ब्रह्मांड में अपना वजूद बनाए रखने के लिए लड़ रही है. सूर्य और चंद्रमा की ताकतें लगातार इसकी परिक्रमा रोकने की कोशिश करती हैं. इससे निपटने के लिए धरती का गर्भ, लगातार पृथ्वी में बदलाव करता रहता है. ज्वालामुखी भी इसी का नतीजा है. पिछले दस हजार सालों में धरती पर कम से कम 6000 ज्वालामुखी उठ चुके हैं. लेकिन इनमें से बस एक चौथाई के असर के बारे में ही जानकारी है क्योंकि बाकी सब समुद्र के नीचे उठते रहे हैं. सवाल यह उठता है कि ज्वालामुखी क्यों और कैसे बनते हैं, जानें मंथन में इस बार.

नकली पैरों पर घुड़सवारी

इस सब के अलावा मंथन के इस अंक में आपको दिखाएंगे एक खास रिपोर्ट नकली पैर के बारे में. पैदाइश के दौरान जीन में गड़बड़ी के कारण दक्षिण अफ्रीका के ऑस्कर पिस्टोरियस के पैरों खराबी थी. ग्यारह महीने के थे जब घुटनों तक उनके पैरों को काट देना पड़ा. पर धीरे धीरे नकली पैरों के साथ उन्होंने चलना फिरना और खेलों में हिस्सा लेना शुरू किया. ये नकली पैर दुनिया भर में एथलीट्स की मदद कर रहे हैं. जर्मनी के एक घुड़सवार भी इनमें से एक हैं.

साथ ही मंथन में मुलाकात कराएंगे स्मार्टफोन ऐप्स की कंपनी से. स्मार्टफोन के इस दौर में फोन पर मेसेज करने के बजाए ज्यादातर लोग मुफ्त ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. इनके जरिए मेसेज भेजने पर पैसे भी नहीं खर्च होते और आप इन पर चैट भी कर सकते हैं. इसके अलावा बाजार में सेहत पर ध्यान देने के लिए आए दिन कुछ ना कुछ नया आ रहा है. स्मार्टफोन पर कई ऐप्स के सहारे आप खाने पीने और कसरत पर ध्यान दे सकते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल चैटिंग करने के लिए ही करते हैं. प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गयी है कि चैटिंग ऐप्स बनाने वाले नए आयडिया की तलाश में रहते हैं.

देखना न भूलें, मंथन शनिवार सुबह 10:30 बजे डीडी नेशनल पर.