चैंपियंस लीग चेन्नई सुपर किंग्स के नाम
२७ सितम्बर २०१०चेन्नई की ओर से जीत की कहानी तो स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और मुरलीधरन ने पहले ही लिख दी जब वॉरियर्स को खुल कर रन न बनाने का मौका देते हुए उसे सिर्फ 128 रन पर ही सीमित कर दिया गया. सेमीफाइनल में चमकने वाले वॉरियर्स के बल्लेबाज जैकब्स इस मैच में भी फॉर्म में नजर आए और उन्होंने 34 रन की जिम्मेदारी भरी पारी खेली लेकिन फाइनल के हिसाब से उसे कम ही कहा जाएगा.
129 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरे चेन्नई के बल्लेबाजों को ज्यादा मुश्किलें पेश न आईं. ओपनर माइक हसी और मुरली विजय ने रन बनाने का जो दौर शुरू किया वह जीत के साथ ही खत्म हुआ. विजय और हसी ने पहले विकेट के लिए 103 रन जोड़कर ही चेन्नई की जीत को सुनिश्चित कर दिया था.
दोनों बल्लेबाज बिना जोखिम लिए खेले जिसका परिणाम यह हुआ कि वॉरियर्स कभी मैच में वापसी करते हुए नजर नहीं आया. विजय ने 58 और हसी ने 51 रन बनाए. हालांकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब विजयी शॉट लगाया तो सिर्फ 6 गेंदें फेंकी जानी ही बाकी थीं.
इस जीत से चेन्नई को 25 लाख डॉलर की इनामी राशि मिली है. चेन्नई के लिए यह साल शानदार रहा है. पहले उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के तीसरे सीजन में अपना जलवा बिखेरते हुए लीग को अपने नाम किया और चैंपियंस लीग में भी खिताबी जीत हासिल की है.
वॉरियर्स की शुरुआत अच्छी रही और कप्तान डेवी जैकब्स ने 21 गेंदों पर 34 रन की पारी खेली. टॉस जीतकर वॉरियर्स पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरे. पहले चार ओवर में वॉरियर्स ने बिना विकेट खोए 39 रन बना लिए थे लेकिन फिर एशवेल प्रिंस 6 रन बनाकर बोलिंगर की गेंद पर बोल्ड हो गए.
अगले ही ओवर में जैकब्स भी लौट गए जब अश्विन ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया. इसके बाद से रनगति कमजोर हो गई. अश्विन ने अपने चार ओवर में सिर्फ 16 रन दिए और 2 विकेट झटके जबकि मुरलीधरन ने तीन विकेट लिए और 16 रन दिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन