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चेतावनी और अपीलों के साथ जलवायु सम्मेलन शुरू

३० नवम्बर २०१०

मेक्सिको के टूरिस्ट शहर कानकुन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सम्मेलन का नया दौर प्रभावी कदमों और समझौतों की अपीलों के साथ शुरू हो गया है. पिछले साल कोपेनहेगन सम्मेलन क्योटो संधि की उत्तराधिकारी संधि करने में विफल रहा था.

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यूरोप की क्लाइमेट एक्शन कमिश्नर कोनी हेदेगार्दतस्वीर: picture-alliance/dpa

12 दिवसीय सम्मेलन की चुनौतियों की व्याख्या करते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संगठन की प्रमुख क्रिस्टियाना फिगुएरेल ने कहा, "प्रयासों के एक व्यापक कैनवास की जरूरत है. "कोपेनहेगन सम्मेलन की विफलता की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, "छेदों वाला कैनवास काम नहीं करेगा, छेदों को सिर्फ समझौते से भरा जा सकेगा."

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तस्वीर: AP

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मेजबान मेक्सिको के राष्ट्रपति फेलिपे काल्डेरोन ने साझा उद्देश्यों के लिए अपील की. उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन हमारे लिए एक हकीकत बन चुका है. अगले दो सप्ताहों में पूरी दुनिया आपकी ओर देख रही होगी. राष्ट्रीय हितों की बाधा को दूर नहीं कर पाना एक त्रासदी होगी."

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संस्था आईपीसीसी के प्रमुख राजेंद्र पचौरी ने चेतावनी दी कि अगर दुनिया ने देर की तो उसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि जितना मानव निर्मित कार्बन गैस वातावरण में आएगा उतनी ही तेजी से ग्लोबल वॉर्मिंग होगी. उन्होंने कहा, "कार्रवाई में देरी के जलवायु परिवर्तन पर ऐसे नतीजे होंगे जो अब तक के अनुभवों से कहीं बड़े और गंभीर होंगे."

194 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संधि संरचना यूएनएफसीसी के तहत हो रहे सम्मेलन में 15,000 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधि, पर्यावरण कार्यकर्ता और पत्रकार भाग ले रहे हैं. यह क्योटो पर्यावरण संधि के बाद के समय के लिए कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत हो रहा है. क्योटो संधि 2011 में समाप्त हो रही है.

कोपेनहेगन में अंतिम समय में किए गए समझौतों को पर्यावरण समर्थकों ने धोखा बताया था. उसके बाद आर्थिक संकट में राजनीतिक रडार से पर्यावरण हो हटा दिया है. एकमात्र चेतावनी रूस में भयानक आग और पाकिस्तान की ऐतिहासिक बाढ़ रही है. यूएनएफसीसी में वार्ताकार इस बीच बड़े लक्ष्यों के बदले छोटे व्यावहारिक कदमों पर प्रगति पर ध्यान दे रहे हैं.

कानकुन सम्मेलन का लक्ष्य गरीब देशों की मदद के लिए ग्रीन फंड बनाना, वनों का विनाश रोक कर कार्बन उत्सर्जन कोकम करना और विकसित देशों से टेक्नॉलॉजी ट्रांसफर को बढ़ावा देना है. मेक्सिको की विदेश मंत्री पैट्रिसिया एसपिनोजा ने काहा है कि फैसले पैकेज में या अकेले हो सकते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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