चुनिंदा आतंकवादी गुटों से न निपटें: भारत
५ जून २०१०भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने इशारों में संदेश दिया कि पाकिस्तान लश्कर ए तैयबा के खिलाफ कार्रवाई करने का इच्छुक दिखाई नहीं देता. कृष्णा के मुताबिक आतंकवादी गुटों के खिलाफ पूरी तरह से कार्रवाई होनी चाहिए और कुछ खास गुटों को निशाना बनाने से काम नहीं चलेगा. "आतंकवादी गुट एक सिंडीकेट की तरह काम करते हैं. पाकिस्तान में हम देखते हैं कि किसी एक संगठन का नाम सामने आने और उस पर पाबंदी लगने के बाद वही लोग दूसरा संगठन खड़ा कर लेते हैं."
कृष्णा ने कहा कि उनकी मंशा दूसरे देश में आतंक फैलाने की है. न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर विफल कार बम हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यह घटना दिखाती है कि मुसीबत कहीं पर भी आ सकती है. अमेरिका में अपनी चार दिवसीय यात्रा को समाप्त करते हुए कृष्णा ने आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने में अमेरिका को भारतीय के रुख से परिचित कराया. "हमें सतर्क रहने की जरूरत है और कुछ खास गुटों से ही नहीं निपटा जाना चाहिए. हमने अमेरिका के सामने अपनी बात रख दी है."
भारतीय विदेश मंत्री के मुताबिक अमेरिका के साथ बातचीत में पाकिस्तान का मुद्दा भी उठा. "पाकिस्तान से जुड़ी हुई भारतीय पक्ष की चिंताओं को विदेश मंत्री क्लिंटन अच्छी तरह समझती हैं. क्लिंटन और अन्य अधिकारियों के साथ इस मसले पर चर्चा हुई है.वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारतीय हितों को ठेस पहुंचती हो."
भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव का कहना है कि पाकिस्तान की जमीन से पनप रहे आतंकवाद का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच अगले महीने होने वाली वार्ता में उठेगा. वॉशिंगटन में एक समारोह के दौरान राव ने स्पष्ट किया कि विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच अविश्वास को दूर करना है.
भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच 15 जुलाई को वार्ता होनी है. भारत सरकार के रुख को साफ करते हुए निरुपमा राव ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों का हल बातचीत के जरिए चाहता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार