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चुनाव में ज्योतिषियों की बढ़ी पूछ

१ अप्रैल २०१४

चुनाव आते ही फलित ज्योतिष के विद्वानों और कर्मकांडी पंडितों की मांग बढ़ जाती है. क्या बुरा है अगर पता हो कि किस नक्षत्र में नामांकन करने से राजयोग सुदृढ़ हो रहा है और कौन सा ग्रह शुभ योग बना रहा है.

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तस्वीर: DW/S. Waheed

चौबीस घंटे के एक खबरिया चैनल पर रोजाना ज्योतिष का कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले आचार्य जी इनकम टैक्स विभाग की नोटिस पर लखनऊ में पेशी पर आए हुए थे कि हरियाणा के एक बड़े नेता का उनके मोबाइल पर फोन आया. उन्हें तत्काल गुड़गांव पहुंचने के लिए कहा. आचार्य जी ने बताया कि वह तो लखनऊ में हैं तो जवाब मिला कि विमान पहुंच रहा है, आप एयरपोर्ट पहुंच जाइए. शाम तक वापस भिजवा दिया जाएगा. फोन बंद कर आचार्य जी मुस्कुराए, बोले कि इनका बगुलामुखी होना है. इस विख्यात राजनीतिक परिवार के सारे यज्ञ, हवन और अनुष्ठान के लिए टीवी वाले आचार्य जी ही अधिकृत हैं.

लेकिन पंडित सत्य प्रकाश त्रिवेदी कहते हैं कि बगुलामुखी और महामृत्युंजय जैसे अनुष्ठान तो अध्यात्मिक शक्ति के लिए होते हैं, इनका चुनाव में जीत हार से कोई संबंध नहीं है. लेकिन नेताओं की चुनाव जीतने की हवस में पंडित इनको भी करवा देते हैं. पंडित सत्य प्रकाश के अनुसार चुनाव में विजय पाने वाले अधिकांश नेताओं की कुंडली में सूर्य बलशाली होने के साथ ही उस जातक की कुंडली में प्रमुख स्थान पर भी विराजमान होता है. सूर्य 14 अप्रैल को मेष राषि में प्रवेश कर अपनी उच्च राशि में जा रहा है. सत्ता के लिए सूर्य की महत्ता महत्वपूर्ण है ही, जिसका सूर्य जितना अच्छा उसको उतना लाभ होने का अवसर और बढ़ेगा.

भारत वैसे भी उपासकों का देश है. वासंतिक नवरात्रि यानी संवत 2071 शुरु हो जाने से चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच गया. यह नौ दिन दुर्गा मां के होते हैं. शक्ति प्राप्ति के लिए शक्ति की पूजा का अद्भुत अवसर है. शायद इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पहली रैली रविवार नवरात्रि की पूर्व संध्या पर असम और दिल्ली में की. राजनाथ सिंह ने लखनऊ से नामांकन भरने की घोषित तिथि ज्यातिषीय कारणों से 7 अप्रैल के बजाए 5 अप्रैल कर दी है. जिन्हें नवरात्रि में नामांकन का सौभाग्य प्राप्त हुआ उनके क्या कहने, लेकिन जिनका चुनाव चौथे चरण के बाद है उन्हें नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त अपनी कुंडली अनुसार बिचरवाना ही पड़ेगा.

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तस्वीर: Fotolia/Photosani

बीजेपी के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी नवमी को वडोदरा से अपना नामांकन भरेंगे. पंडित राजेंद्र पांडेय के अनुसार नरेंद्र मोदी पर कन्या राशि का प्रभाव स्पष्ट प्रतीत होता है. वही उन्हें व्यावहारिक और तार्किक सूझबूझ वाला बनाता है. शनि और बृहस्पति भी उनके काफी बलवान दिखाई पड़ते हैं. पंडित राजेंद्र दो साल पहले तक सरकारी सेवा में थे, रिटायर हुए तो एक आश्रम खोल लिया. ज्योतिष और धार्मिक कर्मकांड में निपुण हैं. इस चुनाव में पूरे 27 दिन की बुकिंग पर हैं. बताते हैं कि सबसे पहले शयन कक्ष फिर चुनाव कार्यालय की पूजा लगभग हर कोई करा रहा है. अपने वाहन की पूजा कराने में भी अधिकांश नेताओं का विश्वास है. नामांकन की तिथि सबसे महत्वपूर्ण है, उस दिन सुबह से ही पूरे विधि विधान से सबसे बड़ी पूजा लगभग हर नेता की होनी है. विख्यात विंध्यवासिनी मंदिर भी नेताओं की पूजा का प्रिय स्थान है. चुनाव और नवरात्रि ने यहां की रौनक को चार चांद लगा दिए हैं. बड़ी बड़ी गाड़ियों का आना जाना लगा है.

चुनाव जीतने के लिए किसी भी धर्म के टोटके से किसी को परहेज नहीं. यूपीए टू के एक मंत्री के बाराबंकी आवास पर पिछले चुनाव में एक मौलवी की आवाजाही चर्चा में रही थी. पंडित राजेंद्र पांडेय के अनुसार नेता जीतने के लिए जब किसी भी ऐरे गैरे के आगे हाथ जोड़ देता है तो ईष्ट के आगे शीष नवाने में उसे क्या दिक्कत है, वह किसी भी धर्म का क्यों न हो. वह वोट भी तो सभी धर्मावलंबियों से मांगता है तो आशीर्वाद भी सभी धर्मों के ईश्वर से ले लेता है. लेकिन मौलाना नईम को इन बातों से गुरेज है. वे कहते हैं कि वह दुआ तो कर सकते हैं किसी के लिए भी लेकिन अगर अमल करना पड़ा तो सबके लिए नहीं कर सकते.

रिपोर्ट: एस. वहीद, लखनऊ

संपादन: महेश झा